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भारत में आने वाले कुछ दशकों के दौरान पढ़ी-लिखी लड़कियों के लिए योग्य जीवन साथी की तलाश मुश्किल हो जाएगी। (एक्सप्रेस फोटो)
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एक रिसर्च के मुताबिक भारत में 2050 तक यूनिवर्सिटी और कॉलेज स्तर तक पढ़ी महिलाओं की शादी के लिए योग्य पुरुष मिलने कम हो जाएंगे। (एक्सप्रेस फोटो)
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‘डेमोग्राफी’जर्नल में छपे एक शोध में कहा गया है कि भारत में जीवन साथी के तौर पर शिक्षित महिलाओं की तुलना में शिक्षित पुरुषों को ज्यादा महत्व देने का सामाजिक चलन 2050 तक बरकरार रहा तो जीवन साथी तलाशने के मामले में असंतुलन पैदा हो जाएगा।
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर डेमोग्राफिक स्टडीज, बार्सिलोना और मिनसोटा पॉपुलेशन सेंटर अमेरिका के साझा अध्ययन में कहा गया है कि 2050 तक 45 से 49 साल की अविवाहित महिलाओं की तादाद बढ़ कर लगभग नौ फीसदी हो जाएगी। इस समय यह 0.7 फीसदी है। (एक्सप्रेस फोटो)
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यूनिवर्सिटी तक पढ़ी हुई अविवाहित महिलाओं की तादाद में सबसे ज्यादा इजाफा होगा। अध्ययन मॉडल में यह भी दिखाया गया है कि कम शिक्षित अविवाहित पुरुषों की तादाद में भी बढ़ोतरी होगी। (एक्सप्रेस फोटो)
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भारत में इस समय पुरुषों की बड़ी आबादी का अपने से कम शिक्षित महिलाओं से विवाह का चलन है। (एक्सप्रेस फोटो)
