उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद सदस्य पद के लिए चुनाव होने जा रहा है जिसको लेकर नामांकन की प्रकिया जारी है। वहीं, लखीमपुर खीरी में सपा उम्मीदवार अनुराग पटेल का पर्चा खारिज कर दिया गया, जिसके बाद काफी देर तक हंगामा होता रहा। अनुराग पटेल के तीनों पर्चों के खारिज होने की वजह भी कम हैरान करने वाली नहीं है।

बताया जा रहा है कि एफिडेविट बनाने वाले नोटरी वकील का नोटरी रजिस्ट्रेशन ही वैलिड नहीं है। इसके बाद सपा उम्मीदवार अनुराग पटेल ने पर्चा खारिज होने के पीछे साजिश का आरोप लगाया। वे इस मामले को कोर्ट तक ले जाने की बात कर रहे हैं।

अनुराग पटेल ने कहा, “सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश में एमएलसी लड़ाने का काम किया। जिस तरह से एटा में हमारे प्रत्याशी का पर्चा फाड़ा गया, निरस्त किया गया, उसी तरह से लखीमपुर में किया गया। हालांकि, लखीमपुर में कार्यकर्ताओं के हौसले के आगे पर्चा तो नहीं छीन सके लेकिन ऐसी कमी निकालकर, जो न हमारे द्वारा है और हमारे प्रत्याशियों के द्वारा है, उन कमियों को निकालकर जबरन पर्चा खारिज किया गया है।”

सपा उम्मीदवार ने कहा, “ये नियम विरुद्ध है, क्योंकि आपत्ति आने के बाद आपत्ति निस्तारण का समय होता है और वह तीन बजे तक का समय होता है। उसके पहले, मैंने नया एफिडेविट भी दे दिया। अगर कोई तथ्य छिपाया गया तो ये प्रत्याशी या मेरी गलती होती। जब तथ्य नहीं छिपाया गया है तो कचहरी परिसर पर फर्जी नोटरीकर्ता बैठे हैं तो ये जिम्मेदारी जिलाधिकारी की है।”

उन्होंने कहा, “जिलाधिकारी ने, ऑब्जर्वर ने जिसकी रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, इन लोगों ने स्वीकार किया और मुझसे कहा कि आप जाइए और दूसरा एफिडेविट बनवाकर लाइए। उसके बाद भाजपा के नेता कमरे के अंदर आए, भाजपा के प्रत्याशी आए और उन सब लोगों ने पर्चा निरस्त करने का दबाव बनाया। जिलाधिकारी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि इस बिंदू पर हम पर्चा खारिज नहीं कर सकते, लेकिन वे अपनी कही बात से ही पलट गए हैं और पर्चा खारिज कर दिया गया है।”