टोक्यो ओलंपिक में प्रतियोगिताओं के लिहाज से आज दूसरा दिन है। पहले दिन मीराबाई चानू ने भारत के लिए इतिहास रचा तो दूसरे दिन भारतीय महिला शटलर पीवी सिंधु ने जीत से आगाज करते हुए नई उम्मीद जगाई। लेकिन इसी बीच एक ऐसा हार्टब्रेक हुआ कि हर भारतीय प्रशंसक उससे दुखी हो गया। दरअसल 19 वर्षीय भारतीय निशानेबाज मनु भाकर की पिस्टल ने उन्हें अहम वक्त पर धोका दे दिया। पिस्टल में तकनीकी खराबी के मनु कारण टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल्स में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गईं ।

आपको बता दें हुआ ये की दूसरी सीरीज में पिस्टल में तकनीकी खराबी के कारण मनु के पांच मिनट खराब हुए और मानसिक एकाग्रता वाले इस खेल में किसी की भी लय खराब करने के लिए ये पांच मिनट काफी थे । लिहाजा अपने पहले ओलंपिक में मनु को अच्छी शुरुआत के बावजूद हार का स्वाद चखना पड़ा। इस वाकिये से मनु इतनी निराश थीं कि वे अपने आंसुओं को नहीं रोक पाएं। बाद में उन्हें कोच के सहारे शूटिंग एरेना से वापस जाते देखा गया। वे काफी दुखी थीं।

मनु के पिता रामकिशन भाकर और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अधिकारी ने भी कहा कि मनु की पिस्टल के इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर में खराबी आ गई थी । उसे ठीक कराने के बाद वह लौटी लेकिन उसकी लय बिगड़ चुकी थी ।

हालांकि पहली सीरीज में 98 के स्कोर के बाद मनु ने 95, 94 और 95 का स्कोर किया और शीर्ष 10 से बाहर हो गई । पांचवीं सीरीज में उन्होंने वापसी की कोशिश की लेकिन छठी और आखिरी सीरीज में एक 8 और तीन 9 के स्कोर के बाद वह शीर्ष आठ में जगह नहीं बना सकी ।

हीना सिद्धू ने किया मनु का बचाव

दो ओलंपिक खेल चुकीं पिस्टल शूटर हीना सिद्धू ने मनु का बचाव करते हुए कहा ,”जो लोग यह कहने में देर नहीं लगा रहे कि मनु दबाव का सामना नहीं कर सकी । मैं इतना जानना चाहती हूं कि पिस्टल में खराबी के कारण उसका कितना समय खराब हुआ । उसने दबाव के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि उसका सामना करके अच्छा प्रदर्शन किया ।”

उन्होंने कहा ,”34 मिनट से भी कम समय में 575 स्कोर करना बताता है कि वह मानसिक रूप से कितनी दृढ है । खिलाड़ियों का आंकड़ों के आधार पर आकलन करना बंद कीजिये । मनु और देसवाल दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया और मिश्रित टीम में वे अधिक मजबूती से उतरेंगी ।”

(इनपुट: भाषा)