सुपरस्टार रजनीकांत की मुशकिलें बढ़ सकती हैं। दरअसल साल 2018 में तूतीकोरीन स्टरलाइट फैक्ट्री में हुई हिंसा के बाद रजनीकांत ने बयान दिया था। उन्होंने इस हिंसा के दौरान पुलिसिया कार्रवाई को जायज ठहराया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हिंसा की जांच कर रही न्यायिक आयोग की टीम ने अब रजनीकांत को उनके इसी बयान को लेकर समन जारी किया है। न्यायिक आयोग की प्रमुख रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन ने उन्हें समन जारी करते हुए 19 जनवरी, 2021 को पेश होने के लिए कहा है।

यहां आपको बता दें कि 21-22 मई 2018 को तूतीकोरिन में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी। इस हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त पुलिस ने दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों के उग्र रूप के कारण कलेक्टर कार्यालय खतरे में आ गया था जिसके बाद मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी। इस घटना के बाद राज्य में विपक्ष ने इसकी जांच की मांग भी की थी।

प्रदर्शन के बाद उस वक्त रजनीकांत ने शरू में पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की थी। हालांकि जब बाद में उन्होंने प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और तब अचानक रूख से बदलते हुए कहा था कि इस प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस गए थे जिसकी वजह से पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। रजनीकांत ने उस वक्त की सत्तारुढ़ पार्टी AIADMK की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार को इसपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। रजनीकांत ने उस वक्त यह भी कहा था कि ‘अगर लोग हर चीज के लिए प्रदर्शन करने लगेंगे तब पूरा तमिलनाडु कब्रगाह में तब्दील हो जाएगा।’

रजनीकांत को इस बयान के बाद आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वो अपने बयान से किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। रजनीकांत को इस मामले में पहले भी समन जारी किया गया था लेकिन अभिनेता ने व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की अपील की थी।