अपने बागी तेवरों से अक्सर दूसरों को असहज करने वाले सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर अब पीएम नरेंद्र मोदी आ गए हैं। चीन के साथ हुए समझौते को लेकर उन्होंने मोदी पर निशाना साधा कि पहले बोले कि कोई आया-गया नहीं। स्वामी ने कटाक्ष किया कि पीएम का वो स्टेटमेंट ठीक नहीं था। उन्होंने सवाल किया कि जब भारतीय सेना आगे तक पहुंच गई तो चीन के साथ हुए समझौते के तहत हमें वहां से हटना पड़ रहा है। इससे चीन तो खुशी से झूम रहा है।
स्वामी ने पीएम के 2020 के उस वक्तव्य का हवाला देकर कहा कि जब पीएम ने कहा था हमारी धरती पर चीन के कदम नहीं पड़े तो वह सरासर गलत था। उनका कहना है कि उसके बाद नरवने ने अपनी सेना को आदेश दिया कि LAC को क्रॉस करके पेंगॉग हिल पर कब्जा कर लो। चीन के बेस को नजरंदाज करके हमारी सेना ने हिल पर तिरंगा फहरा दिया तो अब इस समझौते के तहत हमें वहां से हटना पड़ रहा है, जबकि चीन डेपसांग पर अभी तक जमा बैठा है। उन्होंने तंज कसा कि चीन के सैनिकों को लिए यह खुशी का लम्हा है।
PM said in 2020 “Koi aaya nahin and koi gaya nahin” Chinese were overjoyed. But it was not true. Later Naravane ordered troops to cross LAC and occupy Pangong hill overlooking PLA base. Now we are to withdraw from there. But Depsang Chinese withdrawal? Not yet. China thrilled
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 13, 2021
भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मौजूदा समय में चीन के साथ समझौता एक तरह से सरेंडर करना ही है। इसका मकसद केवल चीन को खुश करना है। उन्होंने चेंबरलेन का उदाहरण देकर कहा कि उसने हिटलर को इसी तरह से खुश किया था। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जब हमारी फौज के पास बढ़त है तो पहले चीन को अपनी सेना पीछे हटाने होगी। हमें अपने इसी सूत्र पर कायम रहना चाहिए। उनका कहना था कि इससे पहले चीन के साथ समझौते की कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए।
हालांकि, सोशल मीडिया पर स्वामी के तीखे तेवर कुछ लोगों के मन को भाए हैं तो कुछ को ये अच्छे नहीं लगे। एक यूजर का कहना था कि मोदी जी अब स्वामी को रक्षा मंत्री बना देंगे। एक अन्य का कहना था कि इस व्यक्ति का अपना एजेंडा है, यह कुछ भी कह सकता है। एक यूजर ने स्वामी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इस सलाह के लिए अब मोदी जी उन्हें भी अश्रुपूर्ण विदाई देंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पीएम उनकी सलाह क्यों नहीं मान रहे, ये बात किसी को नहीं पता। गौरतलब है कि स्वामी भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। वह लंबे अर्से से मंत्री बनने की बाट जोह रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी उन्हें मायूस होना पड़ा। दिवंगत वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ 36 का आंकड़ा रखने वाले स्वामी को जब राज्यसभा में भेजा गया था, तब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि स्वामी का कद देर सवेर जरूर बढ़ाया जाएगा।

