प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ पेट्रापोल-बिनापोल भू बंदरगाह का उद्घाटन किया और कहा कि भारत की प्रगति उसके सभी पड़ोसियों की प्रगति से जुड़ी है। इस कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एकीकृत जांच चौकी (आइसीपी) से आर्थिक एकीकरण व भारत और बांग्लादेश के बीच संपर्क को बढ़ाने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं।

आर्थिक विकास और संपर्क के एक दूसरे के साथ निकटता से जुड़े होने की बात पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि भारत की प्रगति उसके सभी पड़ोसियों की प्रगति से जुड़ी हुई है। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े भू बंदरगाह का उद्घाटन भारत और बांग्लादेश के संबंधों में बहुत महत्त्वपूर्ण आयाम है। भारत और बांग्लादेश न सिर्फ विकास के पथ पर आगे बढ़े हैं, बल्कि साथ मिलकर चल रहे हैं। पेट्रापोल-बिनापोल भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार के लिए महत्त्वपूर्ण सीमा क्रासिंग है। जहां से 50 फीसद से अधिक द्विपक्षीय व्यापार होता है।

पेट्रापोल आइसीपी से सुरक्षा, आव्रजन और सीमाशुल्क जैसे कामों को प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। मोदी ने कहा कि इस सीमा चौकी से हर साल 15 लाख लोग और डेढ़ लाख ट्रक गुजरते हैं। बांग्लादेश में हुए हालिया हमलों में लोगों के मारे जाने को लेकर मोदी ने हसीना से संवेदना प्रकट की और उनसे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत उनके साथ है।

उन्होंने कहा-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आप खुद को अकेला मत समझिए। भारत का पूरा समर्थन आपके साथ है। यह मेरे और मेरे देश के लोगों के लिए दुख का विषय है कि ढाका और किशोरगंज में दो आतंकी हमले पवित्र रमजान महीने के दौरान हुए। यह दुखद क्षण है जब मंदिरों व उनके पुजारियों व नागरिकों को अमानवीय उत्पीड़न का निशाना बनाया गया। मोदी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ममता का धन्यवाद किया और भारत-बांग्लादेश संबंधों को सुधारने में उनकी भूमिका की सराहना की।

हसीना ने आइसीपी को दोनों देशों के बीच व्यापार विकसित करने में महत्त्वपूर्ण कदम करार दिया। भारत और बांग्लादेश के बीच बस व रेल सेवाओं के पहले से ही संचालित होने का जिक्र करते हुए उनहोंने कहा- हम पड़ोसी हैं और हमारा संबंध अच्छा बना रहेगा। इस नई आइसीपी की स्थापना के साथ हमारा व्यापार और वाणिज्य फलता-फूलता रहेगा। दोनों देशों के बीच किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के जरिए किया जाएगा। हसीना ने 1971 के मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को रेखांकित किया। जबकि ममता बनर्जी ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े भू बंदरगाह का सफर शुरू हो चुका है। नए क्षितिज की शुरुआत हुई है। इस भू बंदरगाह के साथ 68,000 करोड़ रुपए का कारोबार जुड़ा है।