बजट सत्र के पहले दिन संसद में SAD नेता सुखबीर बादल आए तो उनका कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आमना सामना हुआ। दरअसल, उस दौरान सुखबीर एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे। दोनों मंत्रियों को देखकर SAD नेता ने कहा, काले कानून वापस लो तो दोनों संसद भवन के अंदर चले गए।
संसद परिसर में किसानों को लेकर अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, यह आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है। किसानों की आवाज सारे देश की है, जिसको सरकार कुचलना चाहती है। देश की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी।
बीजेपी से संबंधों पर बादल ने कहा, अकाली दल बीजेपी का सबसे पुराना दोस्त था, लेकिन कृषि कानूनों को लेकर हमने उनका साथ छोड़ दिया। वह हिंसा के हक में नहीं हैं। हिंसा से कोई समाधान नहीं होगा। सरकार अब डंडा लेकर जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी आवाज को दबा रही है। ये सहन नहीं होग। यह एक कम्युनिटी की आवाज नहीं है। पंजाब से लेकर केरल तक किसान इन कानूनों के विरोध में आंदोलनरत हैं।
सुखबीर ने कहा कि सभी पार्टियां एक राय हैं कि कृषि कानून वापस लो। विरोध करने वाले मुठ्ठी भर लोग नहीं हैं। सरकार इनसे बात क्यों कर रही है। किसान देश का अन्नदाता है। किसान खुश है तो देश तरक्की करेगा। अगर किसान को दबाओगे तो देश के लोग बर्दाश्त नही करेंगे।
गौरतलब है कि सुखबीर बादल ने इससे पहले दावा किया था कि केंद्र और किसानों के बीच जारी गतिरोध को सुलझाने में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति सकारात्मक भूमिका’ नहीं निभा पाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों में भाजपा का सफाया करने’ की ताकत है। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग ठुकराने के बाद किसानों को भरोसा मोदी सरकार पर से उठ गया है।
जब सुखबीर बादल के इंटरव्यू में पहुँच गए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बादल बोले ‘काला क़ानून वापस लो’@officeofssbadal @amit_jurno #कृषि_कानून #Budget2021 pic.twitter.com/uLkxy1CveE
— News24 (@news24tvchannel) January 29, 2021
उधर, अकाली दल ने शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के तीन प्रदर्शन स्थलों पर जाकर आंदोलन को और मजबूती देने के लिए कहा। पार्टी ने कहा, सुखबीर बादल ने किसान नेता राकेश टिकैत से बात कर किसानों के खिलाफ भाजपा और केन्द्र सरकार के संयुक्त हमलों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए दिल्ली में किसान आंदोलन को और मजूबत बनाने पर चर्चा की।
बादल ने टिकैत से फोन पर बात करने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पहले से अधिक संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर जाने और शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूती देने के लिए कहा है। बादल ने कहा कि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के समूह पहले ही किसान आंदोलन में शामिल हैं। एक और विशाल समूह दिल्ली के रास्ते है।