वर्ष 2006 के नौसेना वार रूम लीक मामले में ‘‘निष्फल’’ सुनवाई के लिए विशेष अदालत ने सीबीआई पर पांच हजार रूपये का जुर्माना किया है, जिसमें हथियार डीलर अभिषेक वर्मा और एक विंग कमांडर सहित नौसेना के चार पूर्व अधिकारी अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।
विशेष अभियोजक के उपस्थित नहीं होने के कारण अभियोजन पक्ष के गवाह से पूछताछ नहीं हो सकी जिसके बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया। बताया जाता है कि अभियोजक दिल्ली उच्च न्यायालय में व्यस्त थे।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा, ‘‘गवाह (सेवानिवृत्त) कमांडर अतुल नेगी भी सुबह से मौजूद हैं। अब बताया जा रहा है कि सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक राजीव मोहन किसी मामले में उच्च न्यायालय में फंसे हुए हैं और वह भोजन के वक्त तक पहुंचेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल बचाव पक्ष के दूसरे वकील ने कहा है कि वे तब तक इंतजार नहीं करना चाहते क्योंकि वे सुबह से इंतजार कर रहे हैं और दूसरे मामलों में उन्हें अन्य अदालतों में जाना है।

सलिए आज की निष्फल सुनवाई को देखते हुए और चूंकि गवाह सुबह से मौजूद हैं और बिना पूछताछ किए उन्हें जाने दिया जा रहा है, सीबीआई पर पांच हजार रूपये का जुर्माना किया जाता है।’ अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक दूसरे अभियोजक को नियुक्त किया जाए क्योंकि सूचित किया गया है कि मोहन ने एजेंसी को पत्र लिखकर मामले में आगे की कार्यवाहियों में एसपीपी के कार्यभार से मुक्त करने को कहा है।