बीसीसीआई ने इस साल आईपीएल के कमेंटेटर्स पैनल से हर्षा भोगले को हटा दिया है। इस फैसले से कुछ दिन पहले ही अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करके हर्षा पर निशाना साधा था। उन्‍होंने कमेंटेटर्स से भारतीय खिलाड़ियों पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहा था। इसके बाद हर्षा भोगले ने सफाई भी दी थी।

हर्षा भोगले काफी वक्त से क्रिकेट की कमेंट्री कर रहे हैं, उन्होंने प्रिंट मीडिया से अपनी शुरुआत की थी और उसके बाद वे टीवी कमेंट्री में आ गए। उनकी गिनती पांच सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर्स में से की जाती है, उनके ट्विटर अकाउंट पर 36 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं।

बीसीसीआई अधिकारियों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। हालांकि, एक अंदरूनी सूत्र ने इस फैसले में क्रिकेट बोर्ड की किसी भूमिका से इनकार किया है। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, ‘बीसीसीआई की इसमें किसी तरह की कोई भूमिका नहीं है। इसका फैसला प्रोडेक्शन हाउस (आईएमजी) द्वारा लिया गया है, जो कि सोशल मीडिया और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर तय करता है।’

23 मार्च को जब भारत ने वर्ल्ड टी20 में बेहद कम अंतर से बांग्लादेश को हराया था तो बच्चन ने ट्वीट किया था, ‘मैं सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि यह बेहतर होता कि भारतीय कमेंटेटर्स दूसरे खिलाड़ियों की बजाय हमारे खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा बात करते।’ अमिताभ बच्चन के ट्वीट करने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी उनका समर्थन किया था। बाद में बच्चन ने स्पष्ट किया था कि उन्‍होंने सुनील गावस्कर और संजय मांजरेकर पर निशाना नहीं साधा है। माना गया कि अमिताभ का इशारा हर्षा की ओर था।

Dhoni Tweet

इस पर भोगले ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई देते हुए कहा था कि उनकी काम की मांग यह कहती है कि मैदान में हो रही हर एक गतिविधि पूरी तस्वीर बताई जाए।

नागपुर स्टेडियम में हुई एक घटना को भी उनको ऑफ एयर करने के पीछे जिम्मेदार बताया जा रहा है। स्टेडियम में 15 अप्रैल को भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच खेला जा रहा था। मैच में बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर भी मौजूद थे। भोगले को हिंदी और अंग्रेजी कमेंट्री बॉक्स में मैच के दौरान आना-जाना पड़ता था। स्टेडियम में दोनों कमेंट्री बॉक्स के बीच अध्यक्ष का केबिन था। चूंकि अध्यक्ष का केबिन बंद था तो भोगले को एक बॉक्स से दूसरे बॉक्स तक जाने के लिए सीढि़यों से ऊपर-नीचे जाना पड़ता था। इसकी वजह से भोगले को काफी दिक्कत हो रही थी। सूत्रों के मुताबिक भोगले ने तंग आकर अध्यक्ष के केबिन के दरवाजे को ठोकर मारी, जिसके बारे में बीसीसीआई अध्यक्ष को पता चल गया। मनोहर ने कथित तौर पर इसका बुरा माना और उन्हें पैनल से हटाने के लिए कहा।

भोगले को पैनल से हटाने के पीछे की वजहों के बारे में नहीं बताया गया। द संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए भोगले ने बताया, ‘अगर वाकई में इसकी कोई वजह है तो उन्हें मेरा पक्ष भी सुनना चाहिए। मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया। मुझे अभी तक किसी ने आधाकारिक तौर पर वजह नहीं बताई है। सभी ने मुझे यह बताया कि यह बीसीसीआई मैनेजमेंट का फैसला है।’

इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट किया, ‘आईपीएल-9 का हिस्सा बनकर काफी अच्छा लगता। हकीकत में मैं इस बारे में सोच भी रहा था। यह मेरा पंसदीदा टूर्नामेंट है। उम्मीद करता हूं कि यह सीजन ब्लॉकबस्टर रहे।’

भारतीय क्रिकेट कमेंट्री में भोगले का दौर 90 के दशक में शुरू हुआ था। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए काम किया और अपनी कमेंट्री के जरिए मशहूर आवाज बने। उसके बाद स्टार स्पोर्ट्स और ईएसपीएन देश में आ गए और वे भारत के सबसे पसंदीदा क्रिकेट ब्रॉडकास्टर बन गए।