टीवी पर एक शो में गृह मंत्री अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह बंगाल सरकार को उखाड़ने के लिए ही वहां जा रहे हैं। उधर, हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसानों की सभा में राकेश टिकैत ने कहा कि गुजरात केंद्र के काबू में है। अब हम उसको आजाद कराएंगे।
अमित शाह का कहना था कि वह बंगाल में सरकार को उखाड़ने ही गए हैं। जब ममता सरकार जाएगी तभी बीजेपी आएगी। जब ऐंकर ने कहा कि आपकी इसी शब्दावली की वजह से बंगाल में हिंसा हो रही है तो शाह का कहना था कि बंगाल सरकार उखड़ने से मना कर दे, हिंसा क्यों की जा रही है। उनका कहना था कि ममता सरकार ठीक नहीं चल रही है। तभी लोग उनके खिलाफ हैं।
मैं उनको बताना चाहता हूँ कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे बचेंगे नहीं।
भाजपा सरकार आएगी तो हम पाताल से भी इन गुंडों को ढूंढ लाएंगे और जिस-जिसने भी हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की होगी, उनको कानून के दायरे में लाकर जेल के अंदर डालेंगे। pic.twitter.com/uugayy2FG7
— Amit Shah (@AmitShah) February 12, 2021
अमित शाह ने कहा कि बंगाल में उनके 130 कार्यकर्ता मारे गए। ऐंकर ने जब कहा कि मारे तो टीएमसी के लोग भी गए हैं तो शाह का कहना था कि ममता अपने उन लोगों की संख्या बताए, जो राजनीतिक हिंसा में मारे गए। शाह ने कहा कि बीजेपी की सरकार आएगी तो पाताल से तलाश करके टीएमसी के गुंडों को लाएंगे। जिन लोगों ने बीजेपी वर्कर्स की हत्या की है उन्हें कानून के तहत सजा दिलाएंगे। उनका कहना था कि बंगाल के लोग पूरी तरह से ममता शासन के खिलाफ हो चुके हैं।
We will march nation-wide, go to Gujarat and set it free. It's controlled by Centre. India is free but people of Gujarat are imprisoned. If they want to join the movement, they are jailed. We are deciding on the date: BKU leader Rakesh Tikait during Mahapanchayat in Bahadurgarh pic.twitter.com/QZkvjDSf5X
— ANI (@ANI) February 12, 2021
उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने बहादुरगढ़ में कहा कि हम पूरे देश में मार्च करेंगे और गुजरात जाकर उसे आजाद कराएंगे। उनका कहना था कि भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग केंद्र के कैदी हैं। उन्हें केंद्र नियंत्रित कर रहा है। अगर वहां के लोग किसान आंदोलन में शिरकत करते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। उनका कहना था कि गुजरात मिशन के लिए जल्दी ही तारीख का ऐलान किया जाएगा।
टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को धार देने के लिए ही देशव्यापी मार्च का कार्यक्रम बनाया गया है। इसके जरिए पूरे देश में अलख जगाई जाएगी। उनका कहना था कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होते किसान दिल्ली की सीमा से नहीं जाएगा। सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना होगा।