केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष कार्यबल (एसटीएफ) भंग करने का फैसला किया है। इस कदम को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) ने गुरुवार को अत्यंत प्रतिगामी और महिला विरोधी करार दिया। आयोग ने गृह मंत्री से फैसले की समीक्षा करने की अपील की और कहा कि राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र व राज्य के बीच समन्वय के लिए एसटीएफ एकमात्र मंच है। कार्यबल की स्थापना 2013 में निर्भया सामूहिक बलात्कार घटना के बाद हुई थी।

डीसीडब्लू अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने सिंह को भेजे पत्र में कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। अकेले मई 2016 में दिल्ली में 201 से अधिक बलात्कार के मामले सामने आए जिसमें से 82 नाबालिग के थे। 31 मामलों में पीड़ितों की आयु दो से 13 वर्ष के बीच थी’। उन्होंने कहा, ‘इन भयानक संख्या के मद्देनजर यह भय उत्पन्न करने वाला है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ लड़ने वाले संस्थागत प्रणाली को मजबूत करने के बजाय गृह मंत्रालय विशेष कार्यबल को भंग कर रहा है।

यह दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र और राज्य के बीच सहयोगात्मक समन्वय के लिए एकमात्र मंच है’। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय का यह कदम अत्यंत प्रतिगामी है। यह दिल्ली महिला आयोग की ओर से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष कार्यबल को और अधिक प्रभावी एवं नियमित बनाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह सचिव को भेजी दो नोटिस की सीधी प्रतिक्रिया प्रतीत होती है’।