हिताची पेमेंट सर्विसेज ने कहा उसकी प्रणाली में कोई सेंधमारी नहीं हुई है। वहीं प्रमुख कार्ड कंपनी मास्टरकार्ड ने भी अपनी प्रणाली में किसी तरह की चूक से इनकार किया है। ये बयान ऐसे समय में आए हैं जबकि रपटों के अनुसार हिताची पेमेंट के डेटा में सेंध के बाद विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड या तो ब्लाक कर दिए हैं या वापस मंगवाए हैं ताकि उन्हें किसी वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाया जा सके।
हिताची पेमेंट सर्विस के प्रबंध निदेशक लोनी एंटनी ने कहा कि कंपनी की भुगतान सेवाएं लेने वाले कुछ बैंकों ने जुलाई के आखिर में ऐसे अवैध लेनदेन की रपट दी थी। इसके बाद उसने आंतरिक जांच की जिसमें किसी तरह की सुरक्षा सेंध सामने नहीं आई। सितंबर में बैंकों ने फिर संदिग्ध लेनदेन की रपट दी तो बाहरी आडिट एजेंसी नियुक्त की गई। एंटनी ने कहा,‘ हमने सितंबर के पहले सप्ताह में बाहरी आडिट एजेंसी नियुक्त की थी ताकि हमारी प्रणाली की सुरक्षा की जांच की जा सके। आडिट एजेंसी ने अंतरिम रपट सितंबर में प्रकाशित की जिसमें हमारी प्रणाली में किसी तरह की सेंध का कोई संकेत नहीं दिया गया है।’ इस बारे में अंतिम रपट नवंबर में आने की उम्मीद है।
वहीं मास्टरकार्ड ने ईमेल से भेजे एक बयान में कहा है, ‘हमें डेटा में सेंध मामले की जानकारी है। लेकिन स्पष्ट करना चाहेंगे कि मास्टरकार्ड की खुद की प्रणाली में कोई सेंध नहीं हुई है।’ मास्टरकार्ड ने कहा है कि भुगतान यानी सौदों की सुरक्षा व संरक्षा उसकी शीर्ष प्राथमिकता है। उल्लेखनीय है कि एसबीआई जैसे कई बैंकों ने लगभग छह लाख कार्ड वापस मंगवाए हैं। वहीं बैंक आफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक व आंध्रा बैंक ने एहतियाती कदम के रूप में डेबिट कार्ड बदले हैं। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक व यस बैंक जैसे बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा है।