देश में हर दिन कोरोना से लगभग चार लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं। हजारों लोगों की जान जा रही है। लेकिन इन सब के बीच भी कुछ लोग हैं जो आफत में अवसर ढूंढ रहे हैं। मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक VHP नेता फर्जी रेमडेसिविर रैकेट में लिप्त पाए गए हैं। वो अस्पताल के प्रमुख भी हैं। वहीं बिहार के दानापुर में ऑक्सीजन के सिलेंडर एक लाख रुपये में बेचे गए हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक अस्पताल के निदेशक सरबजीत सिंह मोखा समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पैसों के लालच में नकली रेमडेसिविर का इंजेक्शन मरीजों को लगा दिया। गिरफ्तार निदेशक का संबध वीएचपी से भी बताया जा रहा है। वीएचपी के प्रांतीय मंत्री राजेश तिवारी ने कहा है कि मोखा को सभी पदों से मुक्त कर दिया गया। साथ ही उन्होंने मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
इधर बिहार के दानापुर में एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 1 लाख रुपये तक बतायी जा रही है। सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई ने 11 धंधेबाजों को पटना के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया है। दवाओं के कालाबाजारी के मामले में भी पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं राजस्थान के जयपुर में एक अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए हर घंटे 2 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा सिलेंडर के अलग से 6 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। जयपुर में घंटें के हिसाब से ऑक्सीजन बेचा जा रहा है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के बक्सर जिले के चौसा के समीप नदी में सोमवार को दर्जनों शव बहते हुए पाए गए थे। बिहार सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि लगभग 15 शव को बरामद कर लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा था कि ये शव बक्सर के नहीं है शायद ये उत्तर प्रदेश के किसी जिले से बहकर आए हो।