गुजरात के उतावली गांव में स्थित श्री मस्‍तराम विनय हायर सेकेंड्री स्‍कूल का उत्‍तीर्ण प्रतिशत राज्‍य में सबसे खराब रहा है। यहां के सिर्फ 19.27% विद्यार्थी ही पास हो सके हैं। The Indian Express ने 2014 की एक रिपोर्ट में इस गांव के व्‍यथा दिखाई थी कि कैसे बच्‍चों को हर दिन एक नदी पार करके स्‍कूल तक पहुंचना पड़ता है। स्‍कूल के 358 बच्‍चों ने इस साल मार्च में दसवीं की परीक्षा दी थी, लेकिन उनमें से सिर्फ 69 ही पास हो पाए हैं। गुजरात सेकेंड्री एंड हायर सेकेंड्री के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में स्‍कूल का उत्‍तीर्ण प्रतिशत 45.21% था।

3 अगस्‍त, 2014 को The Indian Express ने रिपोर्ट किया था कि कैसे छोटा उदयपुर जिले के सनखेड़ा तालुका के 16 आदिवासी गांवों के 125 बच्‍चे रोज पीतल की नाव में बैठकर हिरण नदी को पार करके नर्मदा जिले के उतावली स्थित स्‍कूल पढ़ने जाते हैं।

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20 अगस्‍त, 2014 को गुजरात सरकार ने नदी पर पुल बनाने का लम्बित पड़ा प्रस्‍ताव पास कर दिया। वह भी तब, जब राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्‍य के मुख्‍य सचिव को नोटिस थमाया। पुल का निर्माण पिछले साल अक्‍टूबर में शुरू हुआ। 2014 के मॉनसून में न्‍यूयॉर्क से आए एक अप्रवासी दम्‍पत्ति ने बच्‍चों की मदद के लिए एक मोटरबोट दान की। लेकिन 2015 में मानसून फीका रहने से नदी में उफान नहीं आया और नाव धरी की धरी रह गई। उसके बाद से 125 में से ज्‍यादातर बच्‍चों ने स्‍कूल छोड़ दिया है क्‍योंकि उनके गांवों के नजदीक ही निजी ट्रस्‍टों ने दो स्‍कूल खोल दिए हैं।

श्री मस्‍तराम विनय हायर सेकेंड्री स्‍कूल के प्रधानाचार्य कांति बारिया कहे हैं कि इस शै‍क्षणिक सत्र में बच्‍चों पर ज्‍यादा ध्‍यान दिया गया था। उन्‍होंने खराब रिजल्‍ट का ठीकरा बच्‍चों के सिर फोड़ा। जिन 358 बच्‍चों ने परीक्षा दी, उनमें से सात तैरकर नदी पार करते थे। बारिया के मुताबिक, उनमें से चार पास हुए हैं।

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नर्मदा जिले का उत्‍तीर्ण प्रतिशत (32.56%) पूरे गुजरात में सबसे कम रहा है। दसवीं में रजिस्‍टर्ड 11,777 में से 11,730 ने परीक्षा दी और 3,819 ही पास हुए। जिला शिक्षा अधिकारी डीबी पटेल ने बच्‍चों के खराब प्रदर्शन के लिए उनके माता-पिता को जिम्‍मेदार ठहराया। उनके मुताबिक, “राज्‍य के इस हिस्‍से में यही चलन है कि मां-आप अपने बच्‍चों को रिश्‍तेदारों के पास छोड़कर दूसरे जिलों में काम करने चले जाते हैं। इससे बच्‍चों पर बुरा असर पड़ता है क्‍योंकि उनकी देखभाल ठीक से नहीं होता।”