Cyclone Vayu: चक्रवाती तूफान ‘वायु’ गुजरात में 13 जून को पहुंच रहा है। यह तूफान 130-135 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। तूफान से होने नुकसान से निटपने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (11 जून 2019) को एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित उपायों की पहले से तैयारी कर ली जाए। तूफान के बाद टेलिकम्‍युनिकेशन, पेयजल और बिजली की सेवा बहाल रखने के भी निर्देश जारी किए हैं।

शाह ने कंट्रोल रूम्स को चौबीसों घंटे सक्रिय रहने के भी निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वहीं एनडीआरएफ ने 26 टीमों को पहले से तैनात कर दिया है। एनडीआरएफ गुजरात सरकार के अनुरोध पर अन्य 10 टीमें भी भेज रहा है। इसके साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड, नेवी, आर्मी और एयर फोर्स की यूनिट्स को भी तैयार रखा गया है। सर्विलांस एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर लगातार हवाई निगरानी कर रहे हैं।

इसके साथ ही मंत्रालय ने राज्यों को तूफान का हाई अलर्ट भी जारी कर दिए हैं। इस तूफान का असर गुजरात के साथ-साथ महाराष्ट्र पर भी पड़ सकता है। मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 14 जून को भारी बारिश होने और 110 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि इस तूफान से मॉनसून पर भी असर पड़ सकता है। यह 13 जून को सुबह गुजरात के तटीय इलाकों में पोरबंदर से महुवा, वेरावल और दीव क्षेत्र को प्रभावित करेगा।

बता दें कि यह तूफान अरब सागर के मध्य पूर्वी क्षेत्र में पिछले दो दिनों से बने हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने की वजह से उत्पन्न हुआ है।  वहीं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। तूफान के मद्देनजर गुजरात के गुजरात सरकार ने पूरे राज्य में 13 से 15 जून तक 3 दिवसीय शाला प्रवेशोत्सव रद्द कर दिया है। वहीं ऐसे 10 जिले जहां चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है वहां के स्कूलों और कॉलेज में 13 और 14 जून को दो दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ओडिशा सरकार के साथ लगातार संपर्क में है, जिससे तूफान से होने वाले नुकसान से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी मिल सके, जिन्हें तूफानी ‘फानी’ के वक्त ओडिशा सरकार ने अपनाया था।’