अनधिकृत कालोनियों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक मुकेश शर्मा शनिवार को अपने समर्थकों के साथ बेमियादी भूख हड़ताल पर बैठ गए। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उन्हें समर्थन देने पहुंचे। लोगों ने दिल्ली सरकार व भाजपा की निगम सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया। गुस्साए लोगों ने नजफगढ़ रोड पर पहुंचकर सड़क को दोनों तरफ से बंद कर दिया, जिसकी वजह से नजफगढ़ रोड पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। स्थानीय लोगों की पुलिस से तीखी नोक-झोंक भी हुई।
मुकेश शर्मा ने कहा कि पूरी दिल्ली में बरसात की वजह से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। विशेष रूप से अनधिकृत कालोनियों में तो लोगों का जीना दूभर हो गया है।

लेकिन सरकार व प्रशासन इन कालोनियों को लेकर आंखें मूंदे हुए हैं। मोहन गार्डन में पिछले दिनों बरसाती पानी के मकान की नींव में जाने से एक मकान पूरी तरह गिर गया जिसकी वजह से 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी व 2 लोग आज भी गंभीर हालत में अस्पताल में भती हैं। लेकिन दिल्ली सरकार व निगम में सतारूढ़ भाजपा को अभी तक इन लोगों से या इनके परिजनों से मिलकर सांत्वना देने का भी समय नहीं मिला है। शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल विपश्यना करने के लिए पहाड़ों की वादियों में जाते हैं। लेकिन गरीब लोगों से मिलकर उनकी मुश्किलें जानने का उनके पास वक्त नहीं है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को सलाह भी दी कि वो मोहन गार्डन की कालोनियों में आकर विपश्यना करें और आकर देखें कि लोग किन हालात में रह रहे हैं। उन्होंने इस बाबत दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर निगम में सतारूढ़ भाजपा के महापौर व तीनों आयुक्तों को पत्र भी लिखा था।

लेकिन लगता है कि आम आदमी पार्टी व भाजपा अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों के पूरी तरह खिलाफ हैं। इसलिए इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद सरकार ने कोई कदम इस दिशा में नहीं उठाया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि मोहन गार्डन व आस-पास की कालोनियों में सीवर पूरी तरह से बंद हैं, बरसाती नालियां गंदे पानी से भरी हुई हैं, निकासी न होने की वजह से पानी मकानों की बुनियाद में जा रहा है जिसकी वजह से कई इमारतें जर्जर हो रही हैं। लोगों ने अंदेशा जताया कि इसकी वजह से क्षेत्र में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। क्षेत्र में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी ने अपने पांव पसार लिए हैं व गंदगी की वजह से बीमारियों का साम्राज्य क्षेत्र में स्थापित हो गया है जिसकी वजह से कभी भी महामारी फैल सकती है। लेकिन दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड व दिल्ली नगर निगम के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। अगर जल्द ही मोहन गार्डन व आसपास की कालेनियों में इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन आंदोलन की जरूरत पड़ेगी।