कांग्रेस के प्रवक्ता अभय दुबे ने एक टीवी चैनल पर डिबेट में कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कमल के फूल वाली सत्ताधारी पार्टी किसानों की राह में कीलें बिछाएगी। उन्होंने यह बात बीजेपी सरकार द्वारा सड़कों पर कील गाढ़ने के संदर्भ में कही।
इससे पहले बीजेपी की प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने डिबेट में कहा कि सरकार का सड़क पर गाढ़ी गई कीलों को हटाने का कोई इरादा नहीं है। प्रशासन के लोग केवल कीलों की पोजीशन को ठीक कर रहे हैं। उन्हें हटा नहीं रहे हैं। उनका कहना था कि 26 जनवरी की घटना के बाद सारा देश शर्मसार हुआ है। कांग्रेस के नेता जो राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीबी हैं, वो आईटीओ जैसी संवेदनशील जगह पर पाए जाते हैं।
नुपुर ने कहा कि ये लोग नेता नहीं बल्कि गुंडे हैं। उन्होंने राजस्थान के एक कांग्रेस नेता का जिक्र किया। उनका कहना था कि आम आदमी पार्टी के लोगों ने भी हिंसा भड़काने का काम किया। ये सभी लोग दंगे के पीछे थे। नुपुर का कहना था कि 26 जनवरी की घटना से तिरंगे की आन-बान-शान को ठेस पहुंची। देश की आबरू पर आंच आ गई। लेकिन उसके बाद भी राहुल गांधी बयान देते है, जिससे देश में आग लग जाए।
कील और कांटे की राजनीति पर BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा और कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे के बीच चर्चा#FarmersProtest #FarmLaws2020 #Farmers #Shankhnaad | @chitraaum pic.twitter.com/pYQfjVF800
— AajTak (@aajtak) February 4, 2021
एंकर ने अभय दुबे से इस पर जवाब मांगा तो उनका कहना था कि कभी कल्पना नहीं की थी कि कमल का फूल किसानों की राह में कांटें बिछाने का काम करेगा। 2014 में नरेंद्र मोदी ने सब्जबाग दिखाए थे कि किसानों की राह फूलों से भर देंगे। उन्होंने एक शेर भी सुनाया। उनका कहना था कि बीजेपी को हर जगह षडयंत्र दिखाई देता है।
अभय का कहना था कि ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन हो या कनाडा के जस्टिन ट्रडो। पॉप सिंगर रेहाना हो या पर्यावरण के लिए लड़ाई लड़ने वाली ग्रेटा थनबर्ग। सभी ने एक सुर में किसानों की हिमायत की है। लेकिन बीजेपी कहती है कि ये सारे लोग साजिश कर रहे हैं। बीजेपी को कोई मतलब नहीं है कि 70 दिन से किसान सोए नहीं हैं। दीप सिद्धू इनको नहीं दिखता है। उनका कहना था कि कांग्रेस को किसानों की चिंता है, जो अपना घर-द्वार छोड़कर सड़कों पर पड़े हुए हैं।
ध्यान रहे कि 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे के अपमान के बाद सरकार मे दिल्ली की सीमा पर सड़क की किलेबंदी कर दी है। सड़कों पर लोहे की कीलें गाढ़ दी हैं, जिससे किसान दिल्ली में न आ सकें।