अनंतनाग एनकाउंटर में शहादत से कुछ घंटों पहले मेजर केतन शर्मा ने परिवार को वॉट्सऐप पर एक मैसेज भेजा था। जिसमें उन्होंने एक फोटो शेयर कर कहा था कि ‘शायद यह मेरी आखिरी फोटो’ हो। शहीद मेजर ने ये मैसेज और फोटो अपने फैमिली वॉट्सऐप ग्रुप में एनकाउंटर से पहले सोमवार सुबह 7 बजे बैठा था। इसके बाद एनकाउंटर में वह शहीद हो गए।
मंगलवार को मेरठ स्थित उनके घर पर माहौल बेहद गमगीन रहा। बेटे के पार्थिव शरीर को देख मां ऊषा ने कहा ‘मेरा शेर गोलियों से नहीं डरता। मेरा बेटा कहां है? मुझे बताओ मेरा बेटा कब तक वापस आएगाा मैं तुमसे आग्रह करती हूं मेरे बेटे को वापस लेकर आओ।’
सोमवार तड़के 19 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात शर्मा अचबल के बदौरा गांव में एक संयुक्त सुरक्षा अभियान के दौरान मुठभेड़ में शहीद हो गए। परिवार में उनकी पत्नी ऐरा मंदर शर्मा, चार साल की बेटी कायरा, माता-पिता ऊषा और रविंद्र और एक छोटी बहन मेघा है।
मेजर के चचेरे भाई अनिल शर्मा ने कहा ‘जब उन्होंने वॉट्सऐप में मैसेज किया था तो पत्नी ने रिप्लाई किया था लेकिन हमें उम्मीद थी कि वह सुरक्षित वापस लौटेंगे लेकिन काफी देर तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। ऐरा और कायरा उस जब गाजियाबाद में अपने ऐरा के मात-पिता के पास थे तो उन्हें सूचना मिली की केतन को मुठभेड़ में घायल हो गए हैं। तब करीब 2 बज रहे थे लेकिन साढ़े तीन बजे सेना के अधिकारी घर पर आए और उन्होंने हमें बताया कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे।’
केतन के पिता रविंद्र शर्मा ने कहा ‘वह हमेशा हर दिन बात करता था। जबसे उसकी मां बीमार पड़ी थी वह हमेशा कहता था कि उनका ख्याल रखें।’
केतन के और चचेरे भाई निर्मल ने बताया ‘परिवार के मुताबिक केतन आर्मी में शामिल होने से पहले गुरुग्राम में प्राइवेट जॉब करते थे और उनकी सैलरी भी बहुत अच्छी थी। लेकिन उनका हमेशा से आर्मी की तरफ झुकाव रहा था। उन्होंने एनडीए एग्जाम के लिए भी कई बार प्रयास किया था। जिसके बाद उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की और 2012 में लेफ्टिनेंट बन गए। जिसके कुछ दिन बाद उन्होंने ऐरा से शादी कर ली।’
उन्होंने आगे कहा ‘मेरी जब उनसे आखिरी बातचीत हुई थी तो वह मुझे कश्मीर बुला रहे थे। उन्होंने मुझसे अमरनाथ यात्रा आने के लिए कहा। और साथ ही यह भी कहा था कि यह यात्रा एकदम सुरक्षित है क्योंकि आर्मी तुम्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी।’
बता दें कि मेजर केतन शर्मा के श्रद्धांजलि समारोह में मेरठ में भारी भीड़ जमा हुई और देश के वीर को आखिरी विदाई दी। इस दौरान मेजर का पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटा हुआ था। इस दौरान लोग ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे।