जाति आधारित जनगणना की मांग तेज हो गई है। सोमवार को बिहार के 11 राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात की। वहीं अब एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि पिछड़ों के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी जी के पास पावर है इसलिए वो इस मुद्दे पर कानून बनाएं।
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए जातिगत जनगणना होना जरूरी है। इसलिए देश में जाति आधारित जनगणना को शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास संसदीय शक्ति है। इसलिए उन्हें इसको लेकर कानून बनाना चाहिए और पिछड़ी जातियों का उप-वर्गीकरण भी किया जाना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि देश में जातिगत जनगणना करने की ज़रूरत है और जरूरी है कि जो हर तरह से पिछड़े हैं उनकी गणना की जाए, इसमें गलत क्या है। हर राजनीतिक पार्टी यह कह रही है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए।
बता दें कि सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दस राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात की। यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एक साथ हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि देश में जाति आधारित जनगणना नहीं होगी। इसलिए हमने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात की।
वहीं इस मुलाकात में शामिल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा कि जातिगत जनगणना तो होकर ही रहेगा। अगर जानवरों और पेड़ पौधों की गिनती हो सकती है तो इंसान की गिनती क्यों नहीं हो सकती है। जब धर्म के आधार पर लोगों की गिनती हो रही है तो जातिगत आधार पर भी लोगों की गिनती होनी चाहिए।