अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली में आप सरकार ने नई झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास नीति को शुक्रवार को मंजूरी प्रदान की। इसके तहत जनवरी, 2015 से पहले बनी झुग्गियों के बाशिंदों को वैकल्पिक रिहाइश उपलब्ध कराए बगैर उनकी झुग्गियां तोड़ी नहीं जाएंगी। दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया।
इस फैसले के मुताबिक, स्लम व झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए वैकल्पिक रिहाइश के वास्ते पात्रता की कटआॅफ तिथि 4 जून, 2009 से बढ़ाकर एक जनवरी, 2015 की गई है, लेकिन जेजे संकुलों का एक जनवरी, 2006 से पहले होना आवश्यक है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एक जनवरी, 2015 के बाद राजधानी में किसी नई झुग्गी-बस्ती की अनुमति नहीं होगी। नीति के मुताबिक, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के नाम 2012, 2013, 2014, 2015 के कम से कम एक और सर्वेक्षण के वर्ष में भी मतदाता सूची में होना आवश्यक है’। एक जनवरी, 2006 से पहले बने जेजे संकुलों को, वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराए बगैर ध्वस्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) एक नोडल एजंसी के तौर पर काम करेगा और झुग्गियों को हटाने से पहले पात्र जेजे बाशिंदों का पुनर्वास करेगा।