पत्रकार राणा अय्यूब की गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन को लेकर किताब ‘गुजरात फाइल्स- अनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ में दावा किया है कि कई अधिकारियों ने 2002 दंगों और फर्जी मुठभेड़ों में राजनीतिक दबाव की बात मानी थी। शुक्रवार को नई दिल्ली में यह किताब जारी हुई। अय्यूब ने कहा कि उन्होंने गांधीनगर स्थित बंगले पर मोदी का भी बयान रिकॉर्ड किया था। यह बयान घड़ी में कैमरा लगाकर रिकॉर्ड किया गया था। बुक लॉन्च के दौरान पत्रकार हरतोष सिंह बल, राजदीप सरदेसाई और वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह मौजूद थे।
सरदेसाई ने कहा कि गुजरात दंगों के संबंध में वे एक बार एक वरिष्ठ जज से बात कर रहे थे तो जज ने कहा, ”ये जो मुसलमान है, वो बदलेगा नहीं। इसके साथ यही होना था।” उन्होंने कहा कि काश उस समय उनके पास कैमरा होता। उन्होंने दावा किया कि गुजरात के रहने वाले इन जज ने देश के दो सबसे बड़े दंगों की जांच के आयोग की अध्यक्षता की। एक बार इन्हें कांग्रेस ने नियुक्त किया तो दूसरी बार भाजपा ने।
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पत्रकार हरतोष सिंह बल ने कहा, ”इन जज ने त्रिलोकपुरी दंगों के हत्यारों को उन्होंने यह कहते हुए छोड़ दिया था कि उन्होंने महिलाओं को नहीं मारा।” वहीं मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा, ”इस किताब से सीबीआई जांच में जो खुलासा हुआ था उसको वैधता मिली है।” इशरत जहां मुठभेड़ मामले में इंदिरा जयसिंह सीबीआई की वकील थीं।