विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में थे। यशवंत सिन्हा ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की। यशवंत सिन्हा ने इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं तो वे अकेले संविधान के प्रति जवाबदेह होंगे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि उनका प्रधानमंत्री से टकराव होगा। मोहम्मद जुबैर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को रोकने की भी कोशिश करूंगा। मैं संविधान के तहत दिए गए अधिकारों के अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करूंगा। मैं मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा करता हूं।” यशवंत सिन्हा ने जुबैर की गिरफ्तारी को नाजायज बताया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से यह पूछने के लिए कहा कि देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति के साथ-साथ विदेश नीति पर उनके विचार क्या हैं? साथ ही समाज में जो हो रहा है, उसके बारे में वह क्या महसूस करती हैं? उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति के रूप में उनकी जानकारी में यह बात आती है कि केंद्र कुछ ऐसा कर रहा है जो महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की तरह चुनी हुई सरकारों को गिराकर लोकतंत्र को बाधित कर रहा है, तो वह सरकार को ऐसा करने से रोकेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया। पीएम नरेंद्र मोदी से अपने मतभेदों को लेकर भी उन्होंने कहा कि उनके पीएम के साथ निजी मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, बल्कि उनकी नीतियों और कामकाज की शैली से लड़ाई है।”

यशवंत सिन्हा शुक्रवार को गुजरात दौरे पर रहेंगे और वह विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हैं, जो आदिवासी समाज से आती हैं।