18 जून को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। सत्ता पक्ष की तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार बनाये गए हैं। अपने लिए समर्थन मांगने के लिए यशवंत सिन्हा छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। जहां उन्होंने भाजपा पर तंज कसा, साथ ही खुलासा किया कि राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें फोन किया था।
मीडिया से बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘देश को खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘हमने देखा कि हमारे देश में ऐसे राष्ट्रपति हुए हैं, जिन्होंने उस पद की शोभा बढ़ाई है। ऐसा भी हुआ है कि देश को खामोश राष्ट्रपति मिले हैं। जो कर्तव्य राष्ट्रपति को निभाना चाहिए उसमें वो सफल नहीं हो पाए हैं।’ इतना ही नहीं, सिन्हा ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए फोन किया था।
सिन्हा ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें फोन किया और राष्ट्रपति चुनाव के लिए चर्चा की थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका उम्मीदवार कौन होगा। फोन पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सभी को मिलकर एक राय बनानी चाहिए। सिन्हा ने कहा कि इसके आगे उन्होंने कोई पहल नहीं की। केंद्र में विपक्ष के दलों ने मीटिंग कर मेरे नाम का ऐलान कर दिया। उसके कुछ समय बाद एनडीए ने भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया।
यशवंत सिन्हा ने भाजपा नेताओं से भी समर्थन मांगते हुए कहा कि ‘जो भी दल मुझे समर्थन दे रहे हैं उनका आभारी हूं लेकिन भाजपा के अपने पुराने साथियों से मैं अपील करता हूं कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करें, लकीर का फकीर ना बने। यह विचारधारा की लड़ाई है।’ इससे पहले कर्नाटक पहुंचे यशवंत सिन्हा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि ‘कर्नाटक में सरकार सत्तारूढ़ पार्टी के वैचारिक एजेंडे द्वारा रंगा एक नया स्कूल पाठ्यक्रम शुरू कर युवा पीढ़ी के दिमाग को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास कर रही है।’
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। द्रौपदी मुर्मू को बीजू जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल, अन्नाद्रमुक, बहुजन समाज पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी, जननायक जनता पार्टी, अकाली दल समेत कई अन्य पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है, जबकि यशवंत सिन्हा के समर्थन में कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआईएम, समाजवादी पार्टी, आरएलडी, टीआरएस, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, बीकेयू, आरजेडी समेत कुछ अन्य पार्टियां हैं।