अग्रिमा श्रीवास्तव

Zomato Delivery Boy: यह स्टोरी विग्नीश नाम के एक ऐसे शख्स की है, जिसने अपनी 26 साल की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे। घर की माली हालत सही न होने के कारण विग्नीश ने ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय का भी काम किया और आगे चलकर NIACL एग्जाम को क्रैक किया। विग्नीश की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ भी आया जो कभी न भुलाए जा सकने वाला है। यह वो वक्त था, जब विग्नीश 2019 में एक प्राइवेट कंपनी में काम रहे थे। उसी वक्त उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा। उन्होंने कंपनी से मदद मांगी, लेकिन कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए। कंपनी ने कहा कि बीमा का लाभ लेने के लिए कंपनी में तीन साल तक काम करना होगा। इस पल ने विग्नीश को बैंकिंग क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित किया।

विग्नीश ‘द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ में एक प्रशासनिक अधिकारी (एओ) हैं, लेकिन उनकी यात्रा इतनी आसान नहीं रही। विग्नीश तमिलनाडु के धर्मपुरी के रहने वाले है। उनके माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्होंने विग्नीश को पढ़ने के प्रोत्साहित किया। विग्नीश ने चेन्नई के राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद पिता की तबीयत खराब होने तक दो साल तक एक निजी कंपनी में काम किया।

विग्नेश के माता-पिता की इच्छा थी मेरा बेटा नौकरी करे

नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपने पिता की देखभाल की और एक बार जब सब कुछ ठीक हो गया तो विग्नेश ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने का फैसला किया। उनके माता-पिता चाहते थे कि विग्नेश सरकारी नौकरी करें, क्योंकि उन्होंने सरकारी अधिकारियों को मिलने वाले सम्मान को देखा था। विग्नेश ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए वेरंडा रेस कोचिंग में शामिल हो गए।

2015 तक विग्नेश की फैमिली में कोई बैंक खाता तक नहीं था

दिलचस्प बात यह है कि विग्नेश और उनके माता-पिता के पास 2015 तक कोई बैंक खाता नहीं था। उनके पिता हर महीने अपने गांव से विग्नेश को खर्चा के पैसे देने के लिए जाना पड़ता था। अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान विग्नेश को बैंकिंग प्रणाली से परिचय हुआ। उन्होंने इसके महत्व को समझा।

बैंकिंग में बढ़ी दिलचस्पी से उन्हें यह निर्णय लेने में मदद मिली कि वह किस सरकारी परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने 2019 में तैयारी शुरू की, लेकिन फिर कोविड की लहर आ गई और सब कुछ अस्थायी रूप से बंद हो गया। 26 साल के विग्नेश को कुछ समय के लिए अपने गृहनगर लौटना पड़ा।

विग्नेश ने डिलीवरी बॉय की नौकरी के दौरान 10 हजार प्रति महीने कमाए

2022 में वह सरकारी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए चेन्नई वापस आए, क्योंकि उनके गृहनगर में परीक्षा के लिए कोई केंद्र नहीं है। इसलिए उन्होंने कुछ महीनों के लिए चेन्नई में रहने का फैसला किया। इस बीच उन्होंने अपने खर्च का वहन करने के लिए ज़ोमैटो डिलीवरी की नौकरी की। इस दौरान विग्नेश ने हर सप्ताह 3,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये प्रति माह तक कमाया।

अपने ज़ोमैटो अनुभव को याद करते हुए विग्नेश कहते हैं कि कुछ लोग उनके प्रति काफी दयालु भी थे, जबकि कई बार उन्हें ऑर्डर देने के लिए 12 मंजिल तक चढ़ना पड़ता था, क्योंकि लिफ्ट काम नहीं करती थी, जो लोग उनके प्रति दयालु थे वो खुद नीचे आकर अपने ऑर्डर को ले जाते थे, जिससे विग्नेश को परेशानी न हो।

आज विग्नेश न्यू इंडिया इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड के अग्निशमन और इंजीनियरिंग विभाग में एओ के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कंपनी ने बीमा के लिए उनके माता-पिता का विवरण मांगा। उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्होंने अपने माता-पिता और अपने लिए सामाजिक सम्मान बढ़ाया है।