विवादित इस्लामिक उपदेशक डॉ. जकिर नाईक ने मोदी सरकार को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। नाईक ने दावा किया है कि कश्मीर पर समर्थन करने के बदले सरकार ने उनके खिलाफ सारे मामले खत्म करने का ऑफर दिया था।एक वीडियो में जाकिर नाईक ने दावा किया है कि पूर्ववर्ती उत्तर भारतीय राज्यों को लेकर मोदी सरकार के रुख का समर्थन करने के बदले उन्हें सुरक्षित देश वापस लाने की पेशकश की गई।
नाईक का दावा है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से उनसे संपर्क करने वाले सरकारी अधिकारियों ने उन्हें बताया कि भारत मुस्लिम देशों के साथ संबंध सुधारने के लिए उनके संपर्कों का इस्तेमाल करना चाहता है। भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा मोस्ट वॉन्टेड भगोड़ों की सूची में शामिल है जाकिर नाईक ने दावा किया कि कई अन्य प्रमुख मुस्लिम नेताओं को भी इस मुद्दे को लेकर धमकाया गया।
नाइक का कहना है कि “साढ़े तीन महीने पहले, भारतीय अधिकारियों ने भारत सरकार के एक प्रतिनिधि के साथ एक निजी बैठक के लिए मुझसे संपर्क साधा था। सितंबर 2019 में जब वो पुत्रजया (एक मलेशियाई शहर) आए थे। वो लोग मुझसे मिलना चाहते थे। नाईक का कहना है कि उनका (अधिकारियों) का कहना है कि मुलाकात के लिए वे व्यक्तिगत रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर यहां आए।
बता दें कि 53 वर्षीय जाकिर कट्टर इस्लामिक प्रचारक हैं। साल 2016 में उन्होंने भारत छोड़ दिया और बाद में मलेशिया में जा पुहंचे। यहां उन्होंने मेलिशियाई सरकार ने स्थाई नागरिकता दे दी। नाइक मनी लॉन्ड्रिंग और अपने भाषणों में उग्रवाद को बढ़ावा देने के मामलों में 2016 से भारत वॉन्टेड हैं और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपी हैं।
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