Youtube New CEO Neal Mohan: भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक नील मोहन (49) को यूट्यूब का नया सीईओ बनाया गया है। वो मोहन सुसान वोजिकी की जगह लेंगे। सुसान वोजिकी नौ साल बाद अपने पद से हट रहीं हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। नील मोहन अभी यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं। लंबे वक्त से वो सुसान वोजिकी के सहयोगी रहे हैं।

नील मोहन के यूट्यूब के नए सीईओ बनने की घोषणा के बाद हजारों किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जश्न का माहौल है। मोहन ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में पांच साल पढ़ाई की थी। स्कूल के दिनों के उनके साथी नील मोहन की इस उपलब्धि से काफी खुश हैं। उन्होंने नील मोहन को एक प्रतिभाशाली और शर्मीले स्टूडेंट के रूप में याद किया है।

नील मोहन के साथी कहते हैं कि यह हमें अत्यधिक गर्व और विस्मय की भावना से भर देता है कि हमारा सहपाठी, जो वास्तव में कम बोलता है और शायद ही किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर है, अब सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक का नेतृत्व करेगा।

उनके सहपाठी शांतनु कुमार का कहना है कि नील LinkedIn को छोड़कर शायद ही किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं। 1991 बैच के सभी सेंट फ्रांसिस कॉलेज के साथी खुश और गौरवान्वित हैं कि हमारा अध्ययनशील सहपाठी जो कम बोलता था, अब सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक का प्रमुख है।

शांतनु का कहना है कि हम सातवीं कक्षा में साथ में ही थे। वह प्रतिभाशाली छात्र थे, चूंकि वह अमेरिका से आया था, इसलिए वह हिंदी नहीं जानता था। हालांकि, कुछ ही समय में ही उसने हिंदी सीख ली और इस विषय में 10वीं क्लास में अच्छे अंक प्राप्त किए।

नील के एक अन्य सहपाठी मोहित जग्गी (एक उद्यमी) कहते हैं कि नील हमारे क्लास के टॉपर थे। वह बहुत ईमानदार छात्र थे और क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। उन्होंने अपनी उपलब्धि से हम सभी को गौरवान्वित किया है।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषि सेठी कहते हैं कि नील अपने स्कूल के दिनों से ही एनटीएसई के स्कॉलर और सज्जन व्यक्ति थे, जो लो प्रोफाइल रहना पसंद करते थे।

नील ने सेंट फ्रांसिस कॉलेज में कक्षा 7 से 12 तक की पढ़ाई की

नील मोहन का जन्म 1974 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उनके पिता डॉ. आदित्य मोहन जब पत्नी डॉ. नीता मोहन के साथ पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए, उस समय नील बहुत छोटे थे। कुछ वर्ष अमेरिका के मिशिगन में रहने के बाद परिवार लखनऊ लौट आया और लखनऊ की रिवर बैंक कॉलोनी में रहने लगा। नील ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा 7 से 12 तक की पढ़ाई पूरी की। इन सालों में ही उन्होंने थोड़ी बहुत हिंदी सीखी।

स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका लौट गए। उन्होंने 1996 में स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। अपने करियर की शुरुआत में नील ने एक साल चार महीने तक एक्सेंचर में सीनियर एनालिस्ट के पद पर काम किया और उसके बाद 1997 में नेट ग्रेविटी नामक कंपनी से जुड़ गए। नवंबर 1997 में डबल क्लिक ने नेट ग्रेविटी का अधिग्रहण कर लिया। यहां नील निदेशक बनाए गए और उन्होंने ग्राहक सेवा से जुड़े मामलों को देखा।