लद्दाख में 24 सितंबर की हिंसा को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं। यह प्रदर्शन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए हुए। इस बीच कांगेस पर लगे आरोपों के बारे में द इंडियन एक्सप्रेस से निचले लेह से प्रतिनिधि, कांग्रेस नेता सेरिंग नामग्याल ने बातचीत की। Tsering Namgyal लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (LAHDC) में विपक्ष के नेता हैं।

कांग्रेस और सोनम वांगचुक पर भीड़ को उकसाने के आरोप पर नामग्याल ने कहा, “जब आप अपनी नाकामियों को छुपाना चाहते हैं तो किसी न किसी को तो दोष देना ही पड़ता है। भाजपा, एलएएचडीसी और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। मैं 24 सितंबर को जो हुआ उसकी निंदा करता हूँ। आप सोनम वांगचुक और कांग्रेस को कैसे दोष दे सकते हैं? वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल कांग्रेस के मंत्री थे लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वांगचुक के लगभग सभी भाई-बहन भाजपा से जुड़े हैं। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने पर वांगचुक ने खुद नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की थी। इस पूरे मामले को कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश बेबुनियाद है।

सोनम वांगचुक बस लद्दाख की आवाज को आगे बढ़ा रहे- कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “सोनम वांगचुक बस लद्दाख की आवाज़ को आगे बढ़ा रहे हैं। वो एक लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय हस्ती हैं। उनकी वजह से हमारे आंदोलन को बहुत बल मिला। जब वो दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब भाजपा के नेता भी उनसे मिलते थे और कहते थे कि हमारी मांगें जायज़ हैं लेकिन वो खुलकर नहीं बोल सकते। हमारे एक और पार्षद, स्मानला दोरजे नोरबू पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बस इतना कहा कि अगर उनके क्षेत्र के लोगों को कुछ भी हुआ तो वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह एक भावुकतापूर्ण विस्फोट था। यहां तक कि भाजपा नेता भी ऐसे बयान देते हैं। आप इसके लिए कांग्रेस को दोष नहीं दे सकते। हमें अपनी रैलियों के लिए 200 लोग जुटाने में भी मुश्किल होती है। आपने सिक्किम को जिसकी आबादी सिर्फ़ 2 लाख से थोड़ी ज़्यादा है, राज्य का दर्जा दे दिया। हमारी आबादी 3 लाख है।”