उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 29 जनवरी को राजधानी लखनऊ के बदले प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक की। यूपी सरकार के इतिहास में इससे पहले राजधानी से बाहर कैबिनेट की बैठक एक ही बार हुई थी। इससे पहले 1962 में ऐसा हुआ था। तब गोविंंद बल्लभ पंत ने नैनीताल में कैबिनेट की बैठक की थी। बता दें कि प्रयागराज में आजकल कुंभ चल रहा है और सीएम काफी वक्त वहीं बिता रहे हैं। उनकी अध्यक्षमता में कैबिनेट में एक अहम फैसला लिया गया मेरठ से प्रयागराज तक एक्सप्रेस वे बनाने का। यह एक्सप्रेस वे करीब 600 किलोमीटर लंबा होगा।
योगी सरकार की ओर से प्रस्तावित एक्सप्रेस वे को दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बताया जा रहा है। लेकिन, इससे पहले दोगुनी लंबाई वाले एक्सप्रेस वे बनाए जाने की घोषणा हो चुकी है। यह एक्सप्रेस वे दिल्ली और मुंबई के बीच बनाए जाने की योजना है।
यूपी कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे का ब्योरा: लंबाई 600 किमी। अनुमानित लागत करीब 36 हजार करोड़ रुपए। 6556 हेक्टेयर जमीन पर प्रस्तावित। प्रस्तावित एक्सप्रेस वे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, उन्नाव, राय बरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक बनाया जाएगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का ब्योरा: लंबाई 1250 किमी। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात होते हुए। 12000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। अनुमानित लागत एक लाख करोड़ रुपए। मार्च, 2020 से काम शुरू होने का अनुमान, मार्च 2022 तक पूरा करने की बात। National Highways Authority of India (NHAI) बनाने जा रहा। कहा जा रहा है कि जब यह बन कर पूरा होगा तो देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा।
मेला क्षेत्र में स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, “उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग को प्रयागराज से जोड़ने के लिए मंत्रिमंडल ने गंगा एक्सप्रेसवे को सैद्धांतिक सहमति दी है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज आएगा। यह एक्सप्रेसवे जब बनेगा तो दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह लगभग 600 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे होगा।”
मुख्यमंत्री ने बताया, “इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 6,556 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी। फोर लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे का छह लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इस पर लगभग 36,000 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है।” उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे से प्रयागराज का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बेहतर संपर्क स्थापित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में बुंदेलखंड के विकास के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई है। यह एक्सप्रेसवे लगभग 296 किलोमीटर लंबा होगा और जिस पर 8,864 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 3641 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता इसके लिए पड़ेगी। वहां भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। मंत्रिमंडल की सहमति से आगे की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)

