कहा जाता है कि केंद्र की राजनीति यूपी से होकर गुजरती है। इसलिए उत्तरप्रदेश को सियासी दृष्टिकोण से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में शुमार किया जाता है। इस समय उत्तरप्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में हैं। हममें से अधिकांश लोगों को यह पता है कि आदित्यनाथ संन्यासी हैं और उन्होंने युवावस्था में ही घर को छोड़ दिया था। लेकिन शादी ना करने के पीछे की कहानी उन्होंने कम ही सुनाई है। लेकिन एकबार इंडिया टीवी के कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने इससे जुड़े सवाल का भी जवाब दिया था।
तीन वर्ष पूर्व इंडिया टीवी के कार्यक्रम आप की अदालत में एंकर रजत शर्मा ने योगी आदित्यनाथ से यह सवाल पूछा कि कभी आपके मन में नहीं आया कि मैं भी घर बसा लूँ। इसपर योगी आदित्यनाथ ने हँसते हुए जवाब दिया कि मैं उन लोगों की स्थिति से भलीभांति परिचित हूँ जिन्होंने घर बसाया है। हालाँकि संन्यास ही इसके पीछे की वजह थी। आगे आदित्यनाथ ने कहा कि कम से कम मैं उन टेंशन से फ्री हूँ। लेकिन मेरी शुभकामनाएं होती है जब कोई व्यक्ति शादी करता है। इतना ही नहीं मैं उन्हें आशीर्वाद देने भी जाता हूँ। इतना कहते ही कार्यक्रम में मौजूद लोग भी ठहाके लगाने लगे।
इसके अलावा कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने परिवार से अलग होने के पीछे की कहानी भी लोगों को बतायी। योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि मेरी जिंदगी में अध्यात्म का महत्व शुरू से ही था। जब मैं स्नातक कर रहा था तो उस समय महंत अद्वैतनाथ जी के संपर्क में आ गया था। मेरे मन में उस समय दो चीजें चल रही थीं एक तो अध्यात्म और दूसरा रामजन्म भूमि का आंदोलन। महंत अद्वैतनाथ जी महाराज ही उस आंदोलन के अध्यक्ष थे। इन दोनों कारणों से ही मैं उनके संपर्क में आया था और फिर 1993 में मैंने संन्यास लेने का पूर्ण निश्चय किया। जिसके बाद 1994 में बसंतपंचमी के दिन मैंने दीक्षा ले ली।
योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के रहने वाले हैं वे मात्र 26 साल की उम्र में ही सांसद बन गए थे। 2014 के चुनाव में जब योगी ने सांसद का चुनाव लड़ा था तो उन्होंने पिता के नाम वाले कॉलम ने महंत अवैद्यनाथ का नाम लिखा था।