उत्तर प्रदेश के मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में स्वदेशी से जुड़े एक कार्यक्रम में बोलते हुए दावा कि सन 1100 में हिंदुओं की आबादी 60 करोड़ थी, जो 1947 में आजादी के समय घटकर 30 करोड़ रह गई।
उन्होंने कहा, “कहते हैं भारत पर जब इस्लाम ने पहला हमला किया था, उस समय भारत की आबादी… उसके बाद भी, सन 1100 तक… भारत के अंदर हिंदुओं की आबादी 60 करोड़ थी… और 1947 में जब ये देश आजाद हुआ, उस समय हिंदुओं की आबाद महज 30 करोड़ रह गई थी। आप मुझे बताइए इन 800-900 वर्षों में हमारी आबादी घटनी चाहिए थी या बढ़नी चाहिए थी। कम हुई है, हम 60 करोड़ से 30 करोड़ पर आ गए।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “…आबादी ही नहीं घटी, हमारी खेती के उत्पादन को भी कम कर दिया गया। ये आबादी जो घटी, आक्रांंताओं ने मारा ही नहीं, बल्कि भूख से मरे, बीमारी से मरे… तमाम अन्य प्रकार की यातनाओं से मरे। विदेशी दासता ऐसी ही होती है।”
उन्होंने कहा, “इस देश पर अत्याचार किया गया, उसका शोषण किया गया और जिस भारत में 300 वर्ष पहले आधी से कम आबादी खेती पर निर्भर करती थी, आधी से अधिक आबादी उद्योग धंधों में लिप्त थी, हमारे यहां लघु और कुटीर उद्योगों का जाल फैला हुआ था। ये भारत की ताकत बनती थी। भारत का बेहतरीन उत्पादन दुनिया के मार्केट में छाता था। भारत के पास सब कुछ था।”
नाम लिए बिना विपक्ष पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में यह भी कहा, “लेकिन जिन लोगों ने जाति के नाम पर बांटा, क्षेत्र के नाम पर बांटा, भाषा के नाम पर बांटा, तमाम बातों के आधार पर बांटा…और आज भी वे उसी विदेशी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। समाज का विभाजन कर रहे है। वे हर तरह से इस स्वदेशी अभियान पर उंगलियांं उठाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री का संदेश यही है कि हमें भारतीय कामगारों के श्रम और हमारे युवाओं की प्रतिभा से बनी हर चीज को बढ़ावा देना चाहिए।”
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