उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में मंत्री रघुराज सिंह ने रविवार को कहा कि मुस्लिम महिलाएं रावण की बहन सूर्पनखा की वंशज हैं, इसलिए बुर्का पहनती है। भारत में बुर्का पहनने पर बैन लगाने का आह्वान करते हुए भाजपाई मंत्री ने आरोप आरोप लगाया कि आतंकवादियों की पहचान छिपाने के लिए चेहरे के घूंघट का इस्तेमाल एक औजार के तौर पर किया जाता है। आतंकी बुर्का पहन देश में घुस जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल ईस्टर संडे को भी कई बम धमाके हुए और लोगों के घायल होने के बाद श्रीलंका ने भी बुर्के पर बैन लगा दिया था।
रघुराज सिंह ने कहा, “बुर्का की प्रथा अरब से आयी है। वे अपना चेहरा छिपाते हैं क्योंकि भगवान लक्ष्मण ने उनके कान और नाक काट दिए थे। वे बुर्का पहनते हैं क्योंकि वे दैत्यों के वंशज हैं। केवल दैत्यों के वंशज ही बुर्का पहन सकते हैं। कोई भी सामान्य व्यक्ति बुर्का नहीं पहन सकता। मैं देश की सरकार से भी बुर्का पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करूंगा क्योंकि आतंकवादी बुर्का पहनकर हमारे देश में घुस जाते हैं। सभी को खुले में रहना चाहिए इसके लिए हम सभी को एकजुट होना होगा क्योंकि इन गुंडों को खत्म करना आवश्यक है।”
यह पहली बार नहीं है जब रघुराज सिंह ने इस तरह के विवादास्पद बयान दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि वे कसम खाते हैं कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाएंगे, उन्हें जिंदा गाड़ दूंगा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में अलीगढ़ में एक रैली में उन्होंने कहा था, “यदि तुम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाओगे तो मैं तुम्हें जिंदा गाड़ दूंगा।” इसके साथ ही उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “नेहरू की जाति क्या थी? उनका कोई ‘खानदान’ नहीं था।”
रघुराज सिंह ने 30 जनवरी को कहा था कि ‘राष्ट्र विरोधियों’ को ‘कुत्ते की मौत’ मिलेगी। अलीगढ़ में अपने समर्थकों से बातचीत में उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर वे चाहें तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर ‘हिंदुस्तान यूनिवर्सिटी’ रख सकते हैं।