योग गुरु रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने वैदिक शिक्षा के लिए देश के पहले राष्ट्रीय विद्यालय बोर्ड के गठन की स्थापना में रुचि दिखाई है। भारतीय शिक्षा परिषद (BSB) के गठन हेतु महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान (MSRVP) ने आवेदन मंगाए थे। इसकी अंतिम तिथि 19 फरवरी की शाम को समाप्त हो गई। निजी क्षेत्र से जिन संस्थानों ने आवेदन किया है, उनमें हरिद्वार का पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट भी शामिल है। रामदेव के अलावा, आचार्य बालकृष्ण, शंकरदेव और स्वामी मुक्तानंद इसके ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि योगपीठ के विभिन्न उद्देश्यों में “योग व आयुर्वेद पर शोध का संचालन करना एवं प्रदान करना, संस्थान के अनुसंधान केन्द्र पर योग एवं आयुर्वेद में अध्ययन व अनुसंधान के लिए संयोजन में यज्ञ, जैविक कृषि, गाय-मूत्र, प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ जुड़े विषयों का अध्ययन एवं अनुसंधान करना” शामिल हैं।
MSRVP को BSB की स्थापना के लिए एक निजी प्रायोजक संस्था नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। द इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, उसे अब तक केवल तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाला MSRVP ‘वेद विद्या’ के प्रचार के लिए काम करने हेतु बनी पूरी तरह से वित्त पोषित स्वायत्त संस्थान है।
स्थापना के बाद, BSB ऐसे स्कूलों की मदद करेगा जो वैदिक शिक्षा के मॉडल पर चलते हैं। इनमें हरिद्वार स्थित रामदेव का आवासीय विद्यालय ‘आचार्यकुलम’, विद्या भारती विद्यालय (संघ द्वारा संचालित) और आर्य समाज द्वारा चलाए जाने वाले गुरुकुल शामिल हैं। यह सभी संस्थान 12वीं तक शिक्षा के अपने मॉडल को बनाए रखेंगे, जिसकी इजाजत फिलहाल सीबीएसई जैसे स्कूल बोर्ड्स नहीं देते।
तीन साल पहले, स्मृति ईरानी की अगुवाई वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वैदिक शिक्षा बोर्ड बनाने के रामदेव के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। तब सरकार की चिंता यह थी कि एक निजी स्कूल बोर्ड को सरकार मान्यता क्यों देगी। वर्तमान में, किसी निजी बोर्ड को केंद्र मान्यता नहीं देता। हालांकि पिछले सप्ताह जारी सूचना के अनुसार, बोर्ड स्थापित करने के लिए चुनी गई एजंसी की खातिर MSRVP “सरकार की अनुमति के साथ” एक औपचारिक आदेश जारी करेगा।
MSRVP को केवल तीन आवेदन मिले हैं। अभी यह साफ नहीं है कि अंतिम तिथि को बढ़ाया जाएगा या नहीं। अगर नहीं तो, एक चयन समिति तीनों आवेदकों की जांच करेगी कि वह योग्यता शर्तों पर खरे उतरते हैं या नहीं। इस बारे में अंतिम फैसला मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता वाली MSRVP शासन परिषद लेगी।