उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यालय ने सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन का दो दिन के अंदर जवाब दे दिया। इसमें पिछले रविवार को यहां आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में उनकी अनुपस्थिति के कारण के बारे में जानकारी मांगी गई थी। अंसारी के दफ्तर ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।
सार्वजनिक प्राधिकारियों से आरटीआई के आवेदन पर 30 दिन के अंदर जवाब देने की उम्मीद की जाती है लेकिन जवाब भेजने में ऐसी तत्परता शायद ही कभी दिखती है।
मल्लापुरम के पारसनाथ सिंह की तरफ से 22 जून को आरटीआई के तहत मांगी गई एक सूचना का जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति कार्यलय ने 24 जून के अपने पत्र में कहा- राजपथ पर 21 जून को आयोजित योग दिवस कार्यक्रम के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला था। बकौल पारसनाथ सिंह उनके आरटीआई आवेदन भेजने के चार दिन के अंदर उन्हें जवाब मिल गया।
इस पर पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने कहा कि अन्य सार्वजनिक प्राधिकरियों को उपराष्ट्रपति कार्यालय से सबक लेना चाहिए और समय के अंदर आरटीआई आवेदनों का जवाब देना चाहिए। यह देखना असाधारण बात है कि सार्वजनिक प्राधिकार दो दिन के अंदर जवाब दे। मैं समझता हूं कि इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
पूर्व सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने भी कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष कार्यालयों को अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के लिए उदाहरण कायम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि उन्होंने आरटीआइ के आवेदन का दो दिन के अंदर जवाब दे दिया लेकिन उन्हें थोक आवेदनों का एक हफ्ते के अंदर जवाब देने का प्रयास करना चाहिए।
योग दिवस कार्यक्रम से हामिद अंसारी की अनुपस्थिति को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने सवाल उठाया था। जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया था। बाद में आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि अंसारी को आमंत्रित ही नहीं किया गया था। वजह राजपथ के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे और उपराष्ट्रपति को आमंत्रित करना प्रोटोकाल का उल्लंघन होता।