येस बैंक के खाताधारकों ने पिछले साल अप्रैल से सितंबर के बीच 18,000 करोड़ रुपए अपने अकाउंट से निकाले। विशेषज्ञ भी अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच 10-20 फीसदी तक और अधिक निकासी से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। खाताधारकों द्वारा बैंक में राशि जमा करने में भी 8.64 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और रेटिंग एजेंसियों के अनुसार 30 सितंबर, 2019 बैंक में 2,09,497 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई जो 31 मार्च, 2019 तक 2,27,610 करोड़ रुपए थी।

खास बात है कि 2019-20 की इस अवधि के दौरान अन्य बैंकों में जमा राशि में 9.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। जबकि येस बैंक में सितंबर 2019 के बाद और अधिक निकासी देखी गई। आधिकारिक तौर पर आंकड़े जारी करना अभी बाकी है क्योंकि दिसंबर तिमाही के फिगर बैंक की समस्याओं के कारण आने में समय लग रहा है। सूत्रों ने बताया कि सितंबर 2019 के बाद से जमा राशि में 10-20 प्रतिशत की कमी आई है।

माना जाता है कि गुजरात के एक इंडस्ट्रियल ग्रुप ने आईबीआई की दखल से एक महीने पहले ही बैंक अपना पैसा निकाल लिया था। मामले में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने बीते शुक्रवार को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में बैंक में 1,300 करोड़ रुपए जमा किए थे। इसी तरह वड़ोदरा नगर निगम (VMC) द्वारा नियंत्रित, वडोदरा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी ने पिछले सप्ताह आरबीआई द्वारा निकासी कैप लगाने से एक दिन पहले ही बैंक में जमा 265 करोड़ रुपए निकाल लिए थे। इंडियन एक्सप्रेस ने कंपनी के सीईओ एसके पटेल से बात करनी चाही, मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई द्वारा बैंक से निकासी पर अंकुश लगाने के बाद कई कंपनियों के फंड बैंक में फंसे हुए हैं। येस बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2019 तक, टॉप 20 जमाकर्ताओं की जमा राशि 24,673 करोड़ रुपए हैं, जो कुल जमा का 10.84 फीसदी बैठता है।

खास बात है कि बैंक ने सितंबर 2017 से मार्च 2019 में जमा राशि में रिकॉर्ड 44 फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी, जो 1,57,989 करोड़ रुपए बैठता है। ये ऐसा समय था जब बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और आरबीआई ने परिसंपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा शुरू की। रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2018 में बैंक का जमा राशि 222,837.9 करोड़ रुपए था।