पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताते हुए रोजगार के मौके पैदा करने के तरीके भी बताए। जब उनसे देश के अलगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सबसे करीबी वो खुद हैं। उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में देश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच साल में सही करने के उपाय है। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के इकोनॉमिक सम्मिट में एक सत्र के दौरान दो बार देश के वित्त मंत्री रहे सिन्हा को रोजगार पैदा करने के लिए रोडमैप बताने को कहा गया।

एनडीटीवी के अनुसार, सिन्हा ने कहा, “आप 1.2 करोड़ रोजगार के बारे में बात करते हैं। मैं उन लाखों किलोमीटर सड़क निर्माण की बात करता हूं जिसे हमें बनाना है। हमें कृषि, सिंचाई प्रोजेक्ट, भंडारण क्षमता के लिए काम करना चाहिए। नए टाउनशिप बनाने की जरूरत है। यदि हम ये सब काम शुरू कर देते हैं तो सिर्फ 1.2 करोड़ ही नहीं बल्कि 2 करोड़, 3 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष पैदा कर सकेंगे। लेकिन हम वह काम नहीं कर रहे हैं। समस्या यही है। इसलिए हमें उस व्यक्ति की तलाश करने की जरूरत है जो इसपर काम कर सके।”

सत्र के दौरान उनके पूछा गया, “ऐसा कौन व्यक्ति है?” उन्होंने जवाब दिया, “कोई नहीं, लेकिन मैं इसके सबसे नजदीक हूं।” केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हाल में उनके नाम को लेकर कुछ चर्चा शुरू हुई थी। सिन्हा ने कहा, “गडकरी के लिए कोई उम्मीद नहीं है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पार्टी पर पकड़ को जनता हूं। यहां तक की आगामी चुनाव में 200 से कम सीटें आने के बावजूद वे नेतृत्व से नहीं हटेंगे।”

बता दें कि बीते शनिवार (19 जनवरी) को कोलकाता में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां एक मंच पर जुटी थी। इसमें यशवंत सिन्हा भी शामिल हुए थे। यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “आजादी के बाद यह पहली सरकार है जो विकास के आंकड़ों के साथ ‘बाजीगरी’ कर रही है। मौजूदा शासन में अगर आप सरकार की तारीफ करते हैं तो वह ‘देश भक्ति’ है और अगर आलोचना करते हैं तो वह ‘देश द्रोह’ है। आजादी के बाद यह पहली सरकार है जो जनता को मूर्ख बनाने के लिए विकास के झूठे और मनगढ़ंत आंकड़े पेश कर रही है।”