अनामिका सिंह

पानी की कमी से लाल किला के किनारे से बहने वाली यमुना नदी काफी सिकुड़ गई थी। वो लाल किले की दीवार से कई किलोमीटर दूर हट गई थीं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कई दशकों बाद आज दोबारा उसी लाल किला की दीवार तक यमुना नदी का पानी पहुंच गया जिस रास्ते नाव में बैठकर पहली बार मुगल बादशाह शाहजहां लाल किला देखने के लिए पहुंचे थे। गुरुवार को पूरे दिन लोगों के लिए ये चर्चा का विषय भी बना रहा।

बता दें कि लालकिला यानी किला-ए-मुबारक का निर्माण दस सालों तक लगातार चला और जब साल 1648 को ये बनकर पूरा हुआ तो आगरा से अपनी राजधानी स्थानांतरित कर पहली बार शाहजहां यमुना किनारे बने लाल किला में पहुंचे तो उन्होंने यमुना द्वार से किले में प्रवेश किया था।

आज कई दशकों बाद दोबारा यमुना नदी उसी यमुना द्वार तक आ पहुंची हैं, जो वर्तमान में दिल्ली चलो पार्क की ओर खुलता है, जहां कभी यमुना नदी अपने पूरे प्रवाह के साथ बहा करती थीं। गुरुवार को लाल किला व सलीमगढ़ के किले को जोड़ने वाले पुल के नीचे सुबह से ही कमर तक पानी जमा हो गया। धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ने पर ये पानी दिल्ली चलो पार्क की ओर बढ़ने लगा। शाम 3 बजे तक पानी का लेवल एक से दो फुट तक था, जो देर शाम चार फुट के लगभग पहुंच गया।

लाल किला के पास जलभराव लोगों के लिए कौतुहल का विषय बन गया। आपदा से निपटने में मदद करने की बजाय लोगों का रुझान सेल्फी में ज्यादा दिखाई दिया। फोटो खिंचवाने वाले पानी और लाल किला की फोटो एकसाथ लेने में मशगूल रहे।

पर्यटकों के लिए किला बंद

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने लाल किला तक पानी के पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए लाल किला को बंद कर दिया है। एएसआइ के महानिदेशक के आदेश पर 13 जुलाई को दोपहर बाद से ही पर्यटकों का प्रवेश रोक दिया गया था। वहीं 14 जुलाई को भी लाल किला बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।