विवाद पैदा करते हुए, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि याकूब मेमन मामले में दिखाई गयी ‘‘तत्परता’’ के बाद सरकार और न्यायपालिका की साख दांव पर है, जबकि उनकी पार्टी के सांसद शशि थरूर ने अपराध रोकने के लिए मृत्युदंड के औचित्य पर सवाल उठाया।
कड़ी आपत्ति जताते हुए भाजपा ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां ‘गैरजिम्मेदाराना’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ हैं कि उनलोगों ने न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। भाजपा ने मांग की है कि विपक्षी पार्टी इस मुद्दे पर अपना रूख साफ करे।
नागपुर जेल में आज सुबह याकूब को फांसी दिए जाने के बाद सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि ‘‘सरकार और न्यायपालिका’’ को आतंकवाद के सभी मामलों में ऐसी ही ‘‘अनुकरणीय तत्परता और प्रतिबद्धता’’ दिखानी चाहिये चाहे आरोपी का कोई भी धर्म क्यों न न हो ।
दिग्विजय ने कहा, ‘‘याकूब मेमन को फांसी दी गयी। सरकार और न्यायपालिका ने आतंक के एक आरोपी को सजा देने में अनुकरणीय तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई।’’
उन्होंने कहा ‘मैं उम्मीद करता हूं कि ‘‘सरकार और न्यायपालिका’’ आतंकवाद के सभी मामलों में ऐसी ही ‘‘अनुकरणीय तत्परता और प्रतिबद्धता’’ दिखायेगी चाहे आरोपी का कोई भी जाति एवं धर्म क्यों न न हो ।’’
सिंह ने कहा, ‘‘आतंकवाद के अन्य आरोपियों पर जिस तरह मामला चल रहा है उसको लेकर मेरे मन में संदेह है। आइये देखते हैं क्या होता है। सरकार और न्यायपालिका की साख दांव पर है।’’
टिप्पणी 2008 मालेगांव मामले में जांच की धीमी रफ्तार के आरोपों की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें दक्षिणपंथी हिंदू तत्व कथित तौर पर संलिप्त थे।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ‘‘वह खबर से काफी दुखी हैं कि हमारी सरकार ने एक मनुष्य को फांसी दे दी। राज्य प्रायोजित हत्या ने हम सबको एक हत्यारे की श्रेणी में ला खड़ा किया है।’’
हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस मामले के गुण दोष में नहीं जा रहे लेकिन सिद्धांतत: और व्यावहारिक तौर पर अपने देश में मृत्युदंड का विरोध करते हैं।
थरूर ने ट्वीट में अपराध रोकने में प्रतिरोधक के तौर पर मृत्युदंड के औचित्य पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि मृत्युदंड प्रतिरोधक के तौर पर काम करता है: तथ्यों में यह विपरीत है। यह सब प्रतिदंड है : सरकार की अयोग्यता है।’’
केरल के सांसद ने कहा कि हालांकि ‘‘हमें अपनी ताकत से हर तरीके से आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए लेकिन मृत्युदंड से कहीं भी आतंकी हमले को नहीं रोका जा सका है।’’
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी खास मामले के गुण दोष पर टिप्पणी नहीं कर रहे। उच्चतम न्यायालय को फैसला करना है। उन्होंने कहा, ‘‘समस्या सिद्धांत और व्यवहार में मौत की सजा है।’’
सिंह और थरूर के बयानों पर भाजपा ने बेहद तीखी टिप्पणी की है।
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का बयान आतंकवाद के मुद्दे पर विपक्षी पार्टी में विरोधीभासी आवाजों को रेखांकित करता है।
भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘वह अमन पसंद लोगों का अपमान कर रहे हैं जो आतंकवाद से छुटकारा चाहते हैं।’’
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि मुंबई विस्फोट अभियुक्त के बारे में कांग्रेस नेताओं का गैर जिम्मेदाराना बयान चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सोनिया गांधी राष्ट्र के समक्ष स्पष्टीकरण देंगी।’’
दिग्विजय सिंह ने अपने अन्य ट्वीटों में एक ही दिन मेमन की फांसी और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के अंतिम संस्कार के बीच ‘इत्तेफाक’ का उल्लेख किया और भारतीयों को ‘‘उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक’’ बनने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या इत्तेफाक है…दो भारतीय मुसलमानों का अंतिम संस्कार एक दिन हो रहा है। डॉ. कलाम ने हर भारतीय को अपने योगदान से गौरवान्वित किया…और आतंकवाद में संलिप्त लोगों के साथ जुड़कर याकूब मेमन ने पूरे समुदाय को शर्मसार किया।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हर भारतीय के लिए एक सीख है कि हिंसा और आतंकवाद वाले धार्मिक कट्टरपंथ से दूर रहे। उदारवादी धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक बनिए। पहले भारतीय बनें। नफरत और हिंसा से दूर रहिए। गांधीवादी बनिए। करूणा प्यार और अहिंसा की विचारधारा को अपनाइये।’’