ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के विरोध में मंगलवार (30 मई) को हर की पौड़ी पहुंचे थे। पहलवान अपने पदकों को नदी में विसर्जित करने की बात कहते हुए हरिद्वार पहुंचे थे। हालांकि, किसान नेता नरेश टिकैत के समझाने पर पहलवानों ने अपना इरादा बदल दिया और मेडल टिकैत को सौंप दिए। वहीं, दूसरी ओर भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि अगर मेरे ऊपर एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा।

आरोप साबित होने पर फांसी पर लटक जाऊंगा- बृजभूषण सिंह

पहलवानों के पदक लौटाने की बात पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा। आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं। 4 महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं। मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी।”

पहलवानों के कदम को बताया इमोशनल ड्रामा

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह यूपी के बाराबंकी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। अगर आरोपों में कोई सच्चाई है, तो गिरफ्तारी की जाएगी। वे अपने पदक गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार गए थे लेकिन बाद में उन्होंने इसे टिकैत को सौंप दिया। यह उनका स्टैंड है, हम क्या कर सकते हैं?”

भाजपा सांसद ने आगे कहा कि अगर तुम्हारे पास कोई सबूत है तो जाकर पुलिस या अदालत को दो और अदालत मुझे फांसी देगा तो मुझे स्वीकार है। ये इमोशनल ड्रामा है। मेडल गंगा में बहा देने से मुझे फांसी नहीं होगी, उसके लिए पुलिस और कोर्ट को सबूत देना चाहिए। कब हुआ, कहां हुआ और किसके साथ हुआ, सामने आकर खिलाड़ी सबूत दें।

“अगर मेरे ऊपर एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा”

– बृजभूषण शरण सिंह

इनकी कामयाबी में मेरा खून पसीना लगा- बृजभूषण

भाजपा सांसद ने कहा कि चार महीने हो गए लेकिन आज तक मेरे खिलाफ कोई एक भी सबूत नहीं दे सके। इस इमोशनल ड्रामा से कोई फायदा नहीं होगा। आज इस तरह के आरोप से कोई भी सुरक्षित नहीं। बृजभूषण ने कहा, “खिलाड़ियों को मैं कोई दोष नहीं दूंगा, इनकी कामयाबी में मेरा खून पसीना लगा। सभी खिलाड़ी मेरे बच्चे की तरह, कुछ दिनों पहले तक यही मुझे कुश्ती का भगवान कहते थे। जब मैंने कुश्ती को संभाला, उस समय भारत दुनिया में 20वें स्थान पर हुआ करता था। आज मेरी मेहनत के बाद दुनिया की बेस्ट पांच कुश्ती टीमों में भारत का नाम है।”

इंडिया गेट के पास सुरक्षाबल तैनात

बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान मंगलवार को अपना मेडल गंगा नदी में विसर्जित करने हर की पौड़ी पहुंचे थे। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के इस आग्रह पर उन्होंने 5 दिन के लिए अपना फैसला टाल दिया और नरेश टिकैत को मेडल सौंप दिया। हालांकि, द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा नेता के फोन और परिवार के दबाव के चलते पहलवानों ने अपना प्लान बदला। वहीं, पहलवानों के आमरण अनशन के ऐलान के बाद बुधवार को दिल्ली में इंडिया गेट के पास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए।