कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि अगर वह भारत के पीएम होते तो ग्रोथ के बजाए नौकरियों पर फोकस करते। अमेरिका के Harvard Kennedy School के अंबेसडर निकोलस बर्न से लाइव बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता का कहना था कि आज भारत की जरूरत ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने की है।
राहुल ने इस दौरान चीन का मसला भी उठाया। उनका कहना था कि चीन देख रहा है कि भारत फिलहाल कमजोर है। इसी वजह से वह लगातार हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है। उनका कहना था कि हम कमजोर हैं, क्योंकि आपस में उलझ रहे हैं। अगर हम सशक्त होते तो चीन को मुंहतोड़ जवाब देकर उसे पीछे धकेल सकते थे, लेकिन कमजोर सरकार की वजह से ऐसा नहीं हो रहा।
बातचीत के दौरान राहुल ने अपना iफोन छात्रों को दिखाकर कहा कि चीन तेजी से वैश्विक बाजार पर कब्जा करता जा रहा है। उनका कहना था कि प्रोडक्शन सेक्टर में चीन भारत के साथ अमेरिका को भी पीछे कर चुका है। उन्हें नहीं पता चीन की इस रणनीति का किस तरह से मुकबला किया जा सकता है।
LIVE: My interaction with Ambassador Nicholas Burns from Harvard Kennedy School. https://t.co/KZUkRnLlDg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2021
भारत के आंतरिक मसलों पर बात करते हुए राहुल ने असम चुनाव में ईवीएम को लेकर हो रहे खेल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वर्कर लगातार वीडियो बनाकर भेज रहा था कि कैसे ईवीएम बीजेपी नेता की गाड़ी में हैं, लेकिन नेशनल मीडिया मूक दर्शक बनकर बैठी थी।
राहुल ने बर्न से बातचीत में किसान आंदोलन का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि किसानों से बगैर चर्चा किए ये कानून पास किए गए। पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार को लगातार चेताया था कि इससे आंदोलन भी हो सकता है, लेकिन सरकार ने एक न सुनी। जबरन तीनों कानून बना दिए गए।
कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन के बारे में उन्होंने कहा कि कैबिनेट में चर्चा के बगैर मोदी सरकार ने लोगों पर इसे थोप दिया। उनका कहना था कि भारत की अर्थव्यवस्था को ठीक करने का एक ही उपाय है कि लोगों के हाथ में पैसा दिया जाए। इससे खपत बढ़ेगी और इकॉनामी पटरी पर फिर लौट सकेगी।