मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अभिभावकों पर भड़क गए। अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की फीस वसूली की शिकायत करने मंत्री के पास पहुंचे थे। लेकिन परमार ने उनकी मदद करने के बदले उनसे कह दिया कि जो करना है करो, मरना है तो मर जाओ।
बताते चलें कि अभिभावक संघ के सदस्य, मंत्री इंदर सिंह परमार से बात करने के लिए उनके घर पर पहुंचा था। पालक संघ ने शिक्षा मंत्री से फीस वसूलने की व्यवस्था को तुरंत बंद करने का अनुरोध किया। इस बीच शिक्षा मंत्री को कैबिनेट की बैठक में जाने के लिए देर होने लगा। जिसके बाद मंत्री जी अभिभावकों पर भड़क गए। अभिभावकों ने उनसे निवेदन किया कि कोरोना काल में उनकी कमर टूट गयी है।
निजी स्कूलों की फीस वसूली के आदेश से वो लोग परेशान चल रहे हैं और ऐसी स्थिति में क्या वह मर जाए? इस पर मंत्री जी ने कहा कि मरना है तो मर जाओ, जो करना है करो। खबरों के अनुसार इस दौरान मंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने भी प्रतिनिधियों के साथ धक्का-मुक्की की। घटना के बाद से यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि शिक्षा मंत्री को स्कूली बच्चों के हितों की कोई चिंता नहीं है।
पालक महासंघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा और प्रबोध पांड्या ने बताया कि हम स्कूलों की फीस कोरोना के चलते न बढ़ाने, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने और ऑनलाइन कक्षा के नाम पर मनमानी फीस न लिए जाने को लेकर मंत्री से मिलने पहुंचे थे। उन्हें हाईकोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि महामारी तक फीस को न बढ़ाया जाए।
इधर पूरे मामले पर मंत्री ने कहा है कि पालक महासंघ के कुछ लोग मिलने आए थे। हमने उनका आवेदन ले लिया औौर जांच का आश्वासन दिया। लेकिन कुछ लोग अभद्रता करने लगे। गुंडागर्दी करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता है। आवेश में मैंने वो बयान दे दिया।