संसद के विशेष सत्र के दौरान बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की जा रही है। यह चर्चा आज लगातार 7 घंटे तक चलेगी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे महिलाओं के आरक्षण से संबंधित ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित करें। वहीं, आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी बुधवार को यह बताया कि महिला आरक्षण बिल 2010 में क्यों नहीं पारित हुआ?

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, “जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे थे, उनके बीच यह आम सहमति थी कि जब तक आप इसे इंद्रधनुषी ढांचा नहीं देंगे तब तक यह एक खोखला बिल है। मतलब यह है कि आप इसमें ओबीसी, एसटी और एससी को शामिल करें। सांसद ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि इसे कब लागू किया जाएगा इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। जनगणना ही नहीं हुई। हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। यह किसी का पोस्ट डेटेड कमिटमेंट है जो फेल हो गया है।

अर्जुनराम मेघवाल ने विधेयक को सदन में चर्चा के लिए पेश किया

मेघवाल ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा। साथ ही यह भी कहा कि UPA के समय राज्यसभा से पारित हुआ महिला आरक्षण विधेयक 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ निष्प्रभावी हो गया था।

अर्जुनराम मेघवाल का कहना था कि नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से सामाजिक और आर्थिक समानता को लेकर कई योजनाएं लागू की गईं। विधि मंत्री ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण विधेयक है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ता कदम है। दुनिया को दिशा दिखाने वाला विधेयक है।’’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से महिलाओं की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और अवसर की समानता भी बढ़ेगी।

2014 में लोकसभा भंग होने के साथ ही विधेयक निष्प्रभावी

मेघवाल ने महिला आरक्षण को लेकर अतीत की सरकारों में हुए प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘साल 2010 में राज्यसभा में जब विधेयक पारित हुआ था तो भाजपा ने खुले मन से समर्थन किया था। जब यह विधेयक लोकसभा में आया तो यह सदन की संपत्ति हो गया था। इसके बाद तत्कालीन सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए निचले सदन में नहीं लेकर आई। साल 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया।’’

सोनिया गांधी ने किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन विधेयक मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी जी ही लेकर आए थे जो राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिंह राव जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उसे पारित करवाया। आज उसी का नतीजा है कि देश में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजीव गांधी जी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है। इस विधेयक के पारित होने के साथ ही वह पूरा होगा। ’’