ओडिशा में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां दो भाईयों को बहन के अंतिम संस्कार के लिए शव को साइकिल पर लादकर ले जाना पड़ा। मृतक के रिश्तेदारों और गांववालों ने शव को कंधा देने से इनकार कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक महिला पति के घर छोड़ने के बाद वह चंदाहांडी ब्लॉक के मोती गांव में अपने भाईयों के साथ रहती थी और लंबी बीमारी के बाद बीती शुक्रवार रात उसका निधन हो गया।
एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट की खबर के मुताबिक बीमारी में महिला की मदद करना तो दूर उसकी मौत के बाद भी रिश्तेदार और स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। हालांकि घटना से जुड़े किसी भी शख्स की मामले में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के ही दानामांझी ऐसी ही एक घटना के चलते देश-दुनिया की मीडिया में छाए थे। करीब दो साल पहले दानामांझी पैसे ना होने पर पत्नी के शव को 10 किलोमीटर तक पैदल कंधे पर ले जाने के चलते सुर्खियों में आए थे। हालांकि आज उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दाना मांझी के पास आज खुद का घर और बाइक है। सरकार और लोगों की मदद के चलते उनकी जिंदगी बदलग गई।
जिसने भी दानामांझी की गरीबी देखा उन्हें तरस आ गया। बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने तक उन्हें 9 लाख रूपए दिए। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत उन्हें घर भी दिया गया।

