पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी से शनिवार (20 मई, 2023) को 9 घंटे पूछताछ की। पूछताछ के बाद उन्होंने केंद्र पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने दिल्ली के आकाओं का पालतू कुत्ता बनने से इनकार कर दिया था इसीलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के जो नेता झुकने को तैयार नहीं हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है, जबकि विभिन्न मामलों में शामिल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को छोड़ दिया गया है।
कल सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय में उनसे 9 घंटे तीन शिफ्ट में पूछताछ चली। अभिषेक बनर्जी ने इसे सीबीआई और उनके समय की बर्बादी करार देते हुए कहा कि उनके और सीबीआई अधिकारियों दोनों के लिए समय की बर्बादी थी, लेकिन जो कुछ पूछा गया उसमें उन्होंने सहयोग किया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पूछताछ के लिए बुलाए जाने की असली वजह यह थी कि उन्होंने दिल्ली के आकाओं का पालतू कुत्ता बनने से इनकार कर दिया इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया है।
पूछताछ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सीबीआई ने मुझे कुंतल घोष के पत्र के आधार पर तलब किया, लेकिन शारदा घोटाला मामले में सीबीआई को लिखे मेरे पत्र में नामित नेताओं सुदीप्तो सेन को क्यों नहीं बुलाया गया?” उन्होंने कहा, “मैं उन्हें (सीबीआई अधिकारियों को) दोष नहीं देता, क्योंकि वे भाजपा के आदेश पर काम कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह का उत्पीड़न मुझे अपने जनसंपर्क अभियान को जारी रखने या भाजपा के साथ हमारी राजनीतिक लड़ाई को समाप्त करने से नहीं रोकेगा।”
अभिषेक ने कहा, “मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह मुझे गिरफ्तार करें। वे पिछले कई साल से बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं। अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुझे गिरफ्तार करना चाहिए।” सुदीप्तो सेन शारदा चिटफंड घोटाले में मुख्य आरोपी है। अभिषेक ने आरोप लगाया, ”एक व्यक्ति कैमरे में रिश्वत लेते पकड़ा गया, लेकिन सीबीआई ने उसे कभी समन नहीं भेजा क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो गया है।” बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष की ओर से दर्ज शिकायत पर सामने आया था। घोष का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां भर्ती घोटाले में उनका (अभिषेक बनर्जी का) नाम लेने का उन पर दबाव बना रही हैं।