‘विकिलिक्स फॉर इंडिया’ ने बुधवार को स्टिंग आॅपरेशन की सीडी जारी कर आम आदमी पार्टी के चार विधायकों के बारे में अहम खुलासा किया है। चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में गलत जानकारी देने संबंधी इस खुलासे में जिनका नाम है, वे हैं-दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा, सीलमपुर से विधायक मोहम्मद इशराक, गोकुलपुर से विधायक चौधरी फतेह सिंह और राजेंद्र नगर से विधायक विजेंद्र गर्ग विजय।

‘आॅपरेशन आप’ के खुलासे में दिखाया गया है कि विधायक मोहम्मद इशराक ने चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपना पैन कार्ड संख्या गलत दर्ज किया है, वहीं तीन अन्य ने अपनी पत्नियों के पैन कार्ड नंबर गलत डाले हैं। ‘विकिलिक्स फॉर इंडिया’ की तरफ से स्टिंग करने वाले सत्येंद्र उपाध्याय ने कहा कि इन चारों के हलफनामे में खुद की और पत्नी की दर्ज पैन कार्ड नंबरों की सत्यता आयकर विभाग से कराई गई जिसके बाद यह अनियमतता सामने आई।

उपाध्याय ने लिखने के दौरान हो सकने वाली त्रुटि के आधार को खारिज करते हुए कहा कि ये एक बार पहले भी चुनाव आयोग को हलफनामा दायर कर चुके हैं, फिर दुबारा ऐसी चूक नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इन गलत पैन नंबरों के आधार पर वित्तीय लेन-देन भी किया गया है। उपाध्याय ने कहा कि जो पैन नंबर अस्तित्व में ही नहीं हैं उन पर लाखों का लेन-देन किया गया। सवाल है कि क्या यह गलत जानकारी अपनी वित्तीय अनियमितताओं को छुपाने के लिए दी गई है।

सत्येंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस स्टिंग आॅपरेशन में दिल्ली और अन्य राज्यों के 150 विधायकों की जांच पड़ताल की गई, जिसमें आम आदमी पार्टी के इन चार विधायकों के ब्योरे में यह गड़बड़ी पाई गई। इस स्टिंग को पूरा करने में 4-5 महीने का समय लगा। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने इन चारों विधायकों से उनकी सफाई मांगी, लेकिन कुछ खास स्पष्टीकरण नहीं मिला, कपिल मिश्रा से फोन या मेल किसी भी माध्यम से संपर्क नहीं हो सका।

‘विकिलिक्स फॉर इंडिया’ ने इस मामले में वकीलों की राय भी सामने रखी। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के अनुसार चुनाव आयोग को दायर हलफनामे में गलत जानकारी के लिए रिप्रजेंटेशन आॅफ पीपुल्स एक्ट की धारा 125 और आइटी एक्ट की धारा 181, 191 और 193 के तहत कार्रवाई और सजा हो सकती है। गलत हलफनामे का अर्थ है कि भारतवर्ष और उसकी पूरी जनता को गलत जानकारी देना या तथ्यों को छुपाना और धोखा देना।