Ruckus in Rajya Sabha: राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान CISF कर्मियों की मौजूदगी के मुद्दे पर आज एक बार फिर हंगामा हुआ है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सवाल उठाया कि जब खड़गे ने उन्हें पत्र लिख दिया था तो फिर उसे मीडिया में सार्वजनिक क्यों किया? उपसभापति ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया है। वहीं इस मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे तो केवल अपने विरोध की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे सभी को पत्र के बारे में जानकारी नहीं दे सकते थे तो उन्होंने मीडिया में बयान दिया।

उपसभापति के बयान पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मैंने आपको लिखा था कि मैं राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से आपको लिख रहा हूं। हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि जिस तरह से CISF को सदन के वेल में आने के लिए मजबूर किया गया, जब सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। हमने इसे कल देखा और आज भी देखा।”

आज की बड़ी खबरें…

खड़गे बोले- संसद का स्तर गिराया जा रहा

मल्लिकार्जुन ख़ड़गे ने राज्यसभा में कहा,”हमारी संसद को इस स्तर तक गिरा दिया गया है। यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में CISF के जवान सदन के वेल में तब नहीं आएंगे जब सदस्य सार्वजनिक चिंता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे हों।”

हमसे लो विपक्ष का टि्यूशन – जेपी नड्डा

इस दौरान नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “मैंने इन लोगों से कई बार कहा है कि मैं 40 साल से ज़्यादा समय तक विपक्ष में था, उन्हें मुझसे ट्यूशन लेनी चाहिए। मैं उन्हें बताऊंगा कि विपक्ष का आचरण कैसा होना चाहिए। आप अभी सिर्फ़ 10 साल से वहां हैं। आपको वहां 30-40 साल रहना होग

मल्लिकार्जुन खड़गे ने डिप्टी चेयरमैन को पत्र लिख जताई हैरानी

जेपी नड्डा ने कहा, “विपक्ष के नेता ने जो कहा, उसके अनुसार – गड़बड़ी के अलग-अलग तरीक़े होते हैं। लोकतंत्र में, अगर आप डंडा चलाते हैं और वह मेरी नाक पर लग जाता है, तो आपका लोकतंत्र वहीं ख़त्म हो जाता है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है। आपको यह समझना होगा…यह गड़बड़ी नहीं, अराजकता है…साथ ही, कोई भी व्यक्ति जो सभापति के आदेश से अनुशासन और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए सदन में है, वह मार्शल है, वह किसी अर्धसैनिक बल का सदस्य नहीं है।”

किरेन रिजिजू ने दिया स्पष्टीकरण

वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा, “मैं एक बात स्पष्ट करना चाहूंगा। विपक्ष के नेता बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया था। उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि सदन में सेना के लोग लाए जाएंगे, सीआईएसएफ के जवान लाए गए और दिल्ली पुलिस को लाया गया। यह रिकॉर्ड में स्पष्ट है कि केवल मार्शल ही सदन में प्रवेश कर सकते हैं।”

शाह से तीखी नोकझोंक के दौरान खड़गे ने उपसभापति से कहा

किरेन रिजिजू ने कहा, “उस दिन केवल मार्शल ही यहां थे। इसलिए, विपक्ष के नेता ने गुमराह किया और यहां झूठे तथ्य पेश किए। उन्होंने आपको भी लिखा है। जब विपक्ष के नेता सभापति को झूठा पत्र लिखते हैं और झूठे तथ्य पेश करते हैं, तो क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?”

किरेन रिजिजू ने कही मार्शल्स की बात

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपसभापति को एक पत्र लिखा है और चर्चा के दौरान इसका उल्लेख करते हुए, हमने इस पर आपत्ति जताई है। विपक्षी दल ने आरोप लगाया है कि सरकार ने सेना, पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों का इस्तेमाल किया है। सभापति ने स्पष्ट किया है कि किसी बाहरी सैन्य या पुलिस बल को तैनात नहीं किया गया है।”

किरेन रिजिजू ने कहा, “वे सदन के मार्शल हैं। नियम के अनुसार, केवल मार्शल ही संसद में प्रवेश कर सकते हैं। मार्शल, सदस्यों और कर्मचारियों के अलावा किसी को भी संसद में प्रवेश की अनुमति नहीं है। विपक्ष ने मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाया… उन्होंने सदन की मर्यादा को कम करने और देश को गुमराह करने की कोशिश की है।”

CM ना बन पाने पर छलका खड़गे का दर्द; खुद सुनाया किस्सा