Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। जिसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने मुद्दों पर जोर देना शुरू कर दिया है, जो मतदाताओं को अपने पक्ष में धुव्रीकृत कर सकते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया गया, जबकि उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को एक सार्वजनिक बैठक में दावा किया कि “लव जिहाद” एक वास्तविक खतरा है , जिसके पूरे राज्य में एक लाख से ज़्यादा मामले हैं। इतना ही नहीं, फडणवीस ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 में से 14 सीटों के नतीजों को “वोट जिहाद” के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

सकल हिंदू समाज नामक एक संगठन ने पिछले साल पहली बार महाराष्ट्र की राजनीति में ‘लव जिहाद’ को व्यापक रूप से लाया। जिसके कारण उस पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के कई आरोप लगे। हालांकि, भाजपा नेताओं ने आधिकारिक तौर पर इससे दूरी बनाए रखी, लेकिन फडणवीस अब उन आरोपों पर मुहर लगाते दिख रहे हैं। जिनके पास राज्य का गृह विभाग भी है। उम्मीद है कि चुनाव आयोग हरियाणा और जम्मू -कश्मीर विधानसभा चुनाव के 8 अक्टूबर को आने वाले नतीजों के कुछ दिनों के भीतर ही महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों की घोषणा कर देगा।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में 23 सीटों से गिरकर नौ पर आ गई भाजपा अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए समय के साथ दौड़ रही है। शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर बनाए गए गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत धीमी गति से चल रही है, लेकिन पार्टी को एहसास है कि गठबंधन में बड़ा भाई बने रहने और सत्ता की दौड़ में बने रहने के लिए उसे कुल 288 में से कम से कम 100 विधानसभा सीटें जीतनी होंगी।

2014 में बीजेपी के मिलीं थी 122 सीटें

हालांकि, यह कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि 2014 में भाजपा को अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में 122 सीटें मिली थीं, जो 2019 में घटकर 105 रह गईं, जब वह बहुमत से चूक गई। पार्टी ने 2014 में 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था (तब यह बहुकोणीय था क्योंकि पार्टियां अकेले चुनाव लड़ रही थीं)।

भाजपा नेताओं का मानना ​​है कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद हिंदू वोटों को लेकर जो लापरवाही बरती गई, उसकी वजह से महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में उसे नुकसान उठाना पड़ा। वे इस तरह की घटनाओं को दोहराना नहीं चाहते, इसलिए पार्टी के मूल आधार को ‘लव’ और ‘वोट’ जिहाद तथा गाय जैसे मुद्दों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि वे भी आक्रामकता को कम नहीं होने दे सकते, क्योंकि महाराष्ट्र में हिंदू वोट के लिए पार्टी का सीधा प्रतिद्वंद्वी शिवसेना है। इन मुद्दों को आगे बढ़ाने से शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे भी मुश्किल में पड़ जाते हैं, क्योंकि उन्हें पहले से ही अपने मतदाताओं को यह समझाना है कि कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने का मतलब उनकी पार्टी के हिंदुत्व का कमजोर होना नहीं है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि गाय का दर्जा बढ़ाना देशी प्रजाति को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए एक आवश्यक उपाय है। कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि हमें गाय संरक्षण को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। गाय कृषि और किसानों का मुख्य आधार है। इसके दूध से लेकर गोबर और मूत्र तक, इसके कई उपयोग हैं।

महाराष्ट्र में 2014 से गौहत्या पर है रोक

महाराष्ट्र में गौहत्या पर रोक 2014 से ही जारी है, जब भाजपा ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे। पिछले वर्ष, महायुति सरकार ने सकल हिंदू समाज की ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ रैलियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को कई हलकों की मांग के बावजूद नजरअंदाज कर दिया था।

हाल ही में नासिक में आयोजित एक वार्षिक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान विवादित उपदेशक रामगिरी महाराज की टिप्पणी ने राज्य के कई हिस्सों में हलचल मचा दी थी। मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद रामगिरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन 24 घंटे बाद शिवसेना नेता और सीएम एकनाथ शिंदे ने उनके साथ मंच साझा किया और उनकी तारीफ की।

इस मामले में सरकार की ढिलाई भाजपा विधायक नितेश राणे की टिप्पणियों से और भी उजागर हुई, जिन्होंने अहमदनगर में दो रैलियों में रामगिरी का बचाव किया और कथित तौर पर उनका विरोध करने वालों को धमकी दी। विधायक द्वारा इस तरह की बातें करने पर आक्रोश फैलने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन राणे के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यह स्वीकार करते हुए कि यथास्थिति जारी रह सकती है, एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि राणे उन लाखों लोगों की आवाज़ हैं जो कट्टर हिंदुत्व चाहते हैं। और भाजपा उन्हें राजनीतिक संरक्षण दे रही है।

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कोल्हापुर के निकट विशालगढ़ किले में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान भी मुस्लिम प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर लोगों का ध्यान खींचा गया था, जिससे भाजपा की मंशा पर इसी प्रकार के सवाल उठे थे। फडणवीस ने कहा कि हर चीज को हिंदू बनाम मुस्लिम चश्मे से देखना गलत है। उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों, ऐतिहासिक किलों और सार्वजनिक स्थानों पर सभी अवैध अतिक्रमणों को नियमों के अनुसार ध्वस्त किया जाएगा।

अब, 3 अक्टूबर से शुरू हो चुके नवरात्रि उत्सव से पहले, वीएचपी ने गरबा आयोजकों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि गैर-हिंदू उत्सव में भाग न लें। साथ ही ऐसा करने के इच्छुक व्यक्तियों की पहचान की जांच करें। वीएचपी ने कहा है कि जिन लोगों को अनुमति दी गई है, उन्हें माथे पर सिंदूर लगाना होगा और देवी-देवताओं को प्रणाम करना होगा।

हिंदुत्व के इस प्रयास को महा विकास अघाड़ी गठबंधन के घटक दल शिवसेना (यूबीटी) ने झूठ बताया है। सांसद संजय राउत ने कहा कि गाय को राज्यमाता का दर्जा देकर भाजपा ने विचारक वीडी सावरकर का अपमान किया है। यह संभवतः सावरकर के वैज्ञानिक स्वभाव और गाय के प्रति उनके अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण का संदर्भ था। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने फडणवीस पर हमला करते हुए कहा कि जब गृह मंत्री लव जिहाद, वोट जिहाद जैसे विवादास्पद बयान देते हैं, तो यह उनकी संवैधानिक शपथ का उल्लंघन है।

(शुभांगी खापरे की रिपोर्ट)