मणिपुर लगातार जल रहा है। सैकड़ों लोग जान से हाथ गंवा चुके हैं। लेकिन अभी तक पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तफसील से वो कारण बताया जिसकी वजह से पीएम अपना मुंह खोलने से गुरेज कर रहे हैं।

स्वामी का कहना है कि दरअसल मणिपुर में Anti-Maiti (Hindu) लोगों को उन हथियारों से निशाना बनाया जा रहा है जो बर्मा (म्यांमार) ने हिंसा करने वाले लोगों को मुहैया कराए हैं। उन्हें ये सारे हथियार चीन से मिले हैं। चीन की वजह से ही मोदी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। लद्दाख में चीन ने हमारी बहुत सारी जमीन कब्जा ली थी। लेकिन मोदी ने एक शब्द तक नहीं बोला। अब मणिपुर जल रहा है तो भी वो चीन की वजह से कुछ नहीं बोल रहे हैं।

मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक मौतें

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 फीसदी आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह पर्वतीय जिलों में रहती है।

आज फिर से मणिपुर में हुई गोलीबारी

मणिपुर में कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में बृहस्पतिवार की सुबह कुछ अज्ञात दंगाइयों ने गोलीबारी की, जिससे क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। सेना की स्पीयर कोर के आधिकारिक हैंडल पर कहा गया है कि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए क्षेत्र में तैनात सैनिक तुंरत जुट गए। सैनिकों ने दंगाइयों की गोलीबारी का तुरंत जवाब दिया। अतिरिक्त टुकड़ियों को क्षेत्र में भेजा गया है। घटना में कुछ लोगों के हताहत होने का संकेत मिला है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की भी सूचना है। स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। यह क्षेत्र राजधानी इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है।