दुनिया के सबसे बड़े रईसों में शुमार मुकेश अंबानी अक्सर मीडिया से दूरी बनाते हैं। द प्रिंट के एक प्रोग्राम में जब उनसे पूछा गया कि वो ऐसा क्यों करते हैं तो मुकेश का कहना था कि उनका मानना है कि वो अपने मुंह की बजाए एक्शन (काम) से बोलना पसंद करते हैं।
शेखर गुप्ता ने उनसे पूछा था कि उनका सबसे नया ऐसा कौन से एक्शन है जो कुछ लोगों में जलन पैदा करता है तो कुछ के लिए यह उत्सुकता है। 2016 के इस प्रोग्राम में उनका कहना था कि जियो उनके दिल के बहुत करीब है। वो तकनीक में बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि तकनीक के जरिए लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव किया जा सकता है।
मुकेश का कहना था कि भारत ने सिविलाइजेशन में नए आयाम स्थापित किए हैं, लेकिन पिछले दो सौ सालों में भारत सिविलाइजेशन के मामले में कुछ ज्यादा नहीं कर सका। इसके पीछे हम कारण दे सकते हैं कि लंबे समय तक भारत ब्रिटिश शासन के नीचे रहा। उनका कहना था कि पिता से उन्हें सीख मिली कि भारत एक सुपर पॉवर बन सकता है। उनका कहना है कि 2008-09 में दुनिया औद्योगिक क्रांति की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन उस समय चीजें ज्यादा स्पष्ट होकर सामने नहीं आ पाई।
2016 में वो दावे से कह सकते हैं कि मोबाइल इंटरनेट इस शताब्दी की डिफाइनिंग टेक्नोलॉजी बनने जा रहे हैं। ये इंडस्ट्री लगातार और तेजी से बढ़ रही है। भारत में 1.2 बिलियन लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि हर भारतीय इसका इस्तेमाल करे। बकौल मुकेश, इस इंडस्ट्री के लिए डेटा एक ऑक्सीजन की तरह है। उनकी कोशिश है कि जियो इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करे। इसके लिए रिलायंस की नीतियो में भी बदलाव किए गए हैं।
मुकेश का कहना था कि रिलायंस ने रिलेल, मोबाइल इंटरनेट जैसे क्षेत्रों में अपना कारोबार बढ़ाया है। उनका कहना था कि रिलायंस भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनाती है। पिता धीरूभाई अंबानी ने उन्हें सिखाया था कि जो भी करो ऐसा करो जिससे देश और इसके लोगों के साथ कंपनी की ग्रोथ हो। वो इसी मंत्र को ध्यान में रखकर अपना काम करते हैं। उनका कहना था कि सफलता तभी आपके कदम चूमती है जब आपके भीतर सीखने की ललक हो।