Garba/Dandiya: भारत के परंपरागत नृत्य गरबा और डांडिया को लेकर खासतौर पर नवरात्रि के दौरान बड़े कार्यक्रम किए जाते हैं। इसी को लेकर आजतक टीवी चैनल के न्यूज एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में पूछा कि गरबा में मुस्लिम लड़के ही नाम बदल कर क्यों जाते हैं, लड़कियां क्यों नहीं जातीं। उनके इस सवाल पर ट्विटर पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
सुधीर चौधरी ने कहा कि जब इन त्योहारों का दुरुपयोग किया जाने लगता है तो गलत मंशा से लोग वहां पहुंचने लगते हैं। ऐसे में सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि ये लड़के (मुस्लिम लड़के) हिंदू नाम रखकर इन पंडालों में जाते हैं, ताकि आसानी से यह हिंदू समुदाय की लड़कियों से दोस्ती कर सकें। चौधरी ने कहा कि आप जरा खुद सोचिए क्या आपने मुस्लिम महिला को नाम बदलकर इन गरबा पंडालों में जाते हुए देखा है। आप लोग खुद सोचिए कि मुस्लिम लड़कियां या महिलाएं अपना नाम बदलकर इन पंडालों में क्यों नहीं जा रहीं। लड़के ही क्यों जा रहे हैं। सुधीर चौधरी के इस सवाल पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
सोशल कमेंट्स-
मनीष नाम के एक यूजर ने लिखा, आखिर जिसे पत्रकारिता से परहेज और सत्ता की चाटुकारिता से लगाव हो, उसके मुंह से मूर्ति पूजा और गरबा की बातें शोभा नही देतीं, अब क्या इसमें भी हिंदू मुस्लिम करोगे, जनता को कभी तो चैन से रहने दो, हर बार जनता को गुमराह करके भड़काने की जरूरत नहीं होती, कभी तो इमानदारी से पत्रकारिता करो? वहीं जय श्री हरि नाम के एक यूजर लिखते हैं कि जो लोग मूर्ति पूजा को नहीं मानते, वो मूर्ति पूजा के उत्सव में भाग क्यों लेंगे।
सुधीर चौधरी ने आगे कहा कि सोचिए जिस धर्म में नाच-गाने को ही वर्जित माना गया है। उस धर्म के लोग इसमें शामिल क्यों होना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि हिंदू त्योहारों से मुस्लिम को दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी हमारा ये मानना है कि जो त्योहार होते हैं, वो तोड़ने का नहीं, बल्कि जोड़ने का काम करते हैं।
डांडिया मथुरा-बरसाना का और गरबा गुजरात का प्रसिद्ध नृत्य
बता दें, गरबा और डांडिया दोनों धार्मिक नृत्य हैं। इन दोनों पर ज्यादा अंतर नहीं है। नवरात्रि के दौरान पूजा से पहले जो नृत्य होता है उसे गरबा कहते हैं और पूजा के बाद जो नृत्य होता है उसे डांडिया कहते हैं। यह दोनों नृत्य हिंदू धर्म की भावनाओं से जुड़े हुए हैं। डांडिया मथुरा-बरसाना का और गरबा गुजरात का प्रसिद्ध नृत्य है।