अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा है कि इस तरह के फैसले करने से पहले वह कोई पंचायत नहीं बैठाता हूं। जिंदगी के महत्वपूर्ण फैसले वह खुद करते हैं। लोगों को इसकी भनक तक नहीं देते। उनका कहना था कि इसका कारण यह भी है कि फैसला अगर गलत भी हो जाए तो इसका दोष किसी और पर न आए। वह अपने सारे जीवन में इसी तरह से फैसला करते रहे हैं।
दरअसल, बीजेपी के पूर्व नेता ने यह बात उस सवालस के जवाब में कही जिसमें ऐंकर मानक गुप्ता ने उनसे पूछा था कि अचानक टीएमसी ज्वाइन करने का फैसला क्यों किया। इसकी भनक तक किसी को क्यों नहीं लगने दी। ऐंकर का सवाल था कि क्या यह किसी खास रणनीति के तहत लिया गया फैसला है। ध्यान रहे कि बीजेपी के पूर्व दिग्गज ने हाल ही में तृणमूल की सदस्यता ली थी। इस फैसले ने बीजेपी नेताओं को भी हैरत में डाल दिया था।
बंगाल चुनाव में BJP ने माहौल खराब किया, बंगाल चुनाव का असर बहुत दूर तक जाएगा : @YashwantSinha@manakgupta#WestBengalElections2021 #News24_BengalConclave pic.twitter.com/H6bXrLxeH0
— News24 (@news24tvchannel) March 19, 2021
सिन्हा का कहना था कि चुनाव तो पांच राज्यों में हो रहे हैं, लेकिन बंगाल को लेकर एक हाइप क्रिएट किया हुआ है। गोदी मीडिया के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि बंगाल के लोग बीजेपी को ही वोट देने जा रहे हैं। उनका कहना था कि वह चाहते हैं कि ममता बनर्जी बंगाल में फिर से सरकार बनाएं। यशवंत सिन्हा का कहना था कि फिलहाल उनका जीतना बहुत जरूरी है।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि ममता के जीतने का संदेश बहुत दूर तक जाएगा। इसका असर 2024 के चुनाव पर भी पड़ेगा। यही वजह है कि बीजेपी ममता को अपदस्थ करने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है। हर तरह से एक माहौल बनाया जा रहा है जिसमें यह दिखाने की कोशिश है कि ममता का करियर खत्म हो गया। इसके लिए बीजेपी अपने तरकश का हर तीर आजमा रही है।
सिन्हा ने बताया कि उन्हें लगता है कि अगर उनकी वजह से ममता को एक सीट पर भी फायदा मिलता है तो वह समझेंगे कि उनका तृणमूल में आना सार्थक हो गया। उन्होंने बताया कि टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन के जरिए एक संदेश उन्होंने ममता बनर्जी तक भेजा था। लेकिन वहां से अभिभूत करने वाला जवूब आया। तृणमूल सुप्रीमो ने खुले मन से उनका पार्टी में स्वागत किया।